नई दिल्ली। दुबई में मानवता को तार-तार करने वाली एक घटना भारतीय मजदूर के साथ घटित हुई। मजदूर की मां के अंतिम संस्कार में जाने के लिए जब कंपनी ने इंकार कर दिया तो मजदूर कोर्ट से अनुमति लेने के लिए एक हजार किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचा। जब मीडिया खबरों से इस बारे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पता चला तो उन्होंने उस मजदूर की भारत वापसी करवाई। दुबई में काम रहे तमिलनाडु के जगन्नाथ सेल्वराज को उसकी कंपनी मालिक ने मां के अंतिम संस्कार में जाने के लिए भारत लौटने की इजाजत नहीं दी थी। इस पर उसने कोर्ट से अनुमति लेने का मन बनाया, लेकिन केस लडऩे के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे। ऐसे में वह पचास किलोमीटर दूर स्थित कोर्ट में पैदल ही जाता था और वहां से पैदल आता था। एक दर्जन बार उसकी सुनवाई पड़ी। हर सुनवाई में वह पैदल ही आया-जाया। इस दौरान कोर्ट से भी राहत नहीं मिली, लेकिन यह मामला जब मीडिया में आया तो विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने मामले को दिखाते हुए ना केवल सेल्वराज के बारे में जानकारी ली, बल्कि दुबई में भारतीय एम्बेसी को सेल्वराज की मदद के निर्देश दिए। सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है कि हम उसे भारत ले आए और उसके गांव पहुंचा दिया है। 48 साल के सेल्वराज तिरुचिरापल्ली के एक गांव के रहने वाले हैं और तीन साल पहले काम के लिए दुबई गए थे। इसी दौरान उनकी मां का निधन हो गया। वह अंतिम संस्कार के लिए वापस लौटना चाहते थे, लेकिन मालिक ने इजाजत नहीं दी। इस पर उसने कोर्ट में केस दायर किया। दो साल तक कोर्ट की लड़ाई लड़ी। इस दौरान उनके पास रहने के लिए कमरा नहीं था। एक पब्लिक पार्क में रहने लगे और भारत लौटने के लिए लगातार कोशिश करता रहा। हर सुनवाई पर पैदल ही कोर्ट में आता-जाता रहा। मीडिया में समाचार आने के बाद भारतीय दूतावास ने सुध ली। उधर, एम्स में भर्ती होने के बावजूद सुषमा स्वराज लगातार एक्टिव हैं और लोगों की मदद कर रही हैं। इसके लिए सुषमा की काफ ी तारीफ हो रही है।

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