नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के बिगड़ेल तानाशाह किम-जोंन-उन के सौतेले भाई किम-जोंग-नाम को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में बीते सोमवार को जहर देकर मार दिया गया। उनकी हत्या के पीछे किस का हाथ है यह अभी साफ नहीं हो पाया। किम-जोंग-नाम की हत्या से समूचे विश्व में सनसनी फैल गई। वैसे अमेरिकी सूत्रों के अनुसार उसे उत्तर कोरिया के एजेंटों ने जहर देकर मारा यद्दपि व्हाइट हाउस ने इस मामले में अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ह्वांग क्यो-अह ने कहा कि किम की हत्या में उत्तर कोरिया का हाथ सामने आया तो उससे उसकी कू्ररता व अमानवीयता सामने आएगी। वहीं स्थानीय पुलिस के हवाले से बताया गया कि किम सोमवार को नौ बजे के आस-पास कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बजट टर्मिनल पर मकाऊ के लिए फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे तभी उन पर हमला हुआ। इस हमले को आखिर कैसे अंजाम दिया, यह साफ नहीं हो पाया। इससे पहले जो रिपोर्ट आई उसके अनुसार किम को स्प्रे या नीडल का इस्तेमाल करके मारा गया। किम की मौत हॉस्पिटल ले जाते समय रास्ते में हो गई। पुलिस ने बताया कि एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। मीडिया में जो तस्वीरे आई उसमें किम के अगल-बगल दो महिलाएं थीं। जो बाद में टैक्सी से जाती दिखीं। किम जोंग-नाम उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग-उन के सौतेले भाई थे। वर्ष 1994 से 2001 तक उन्हें उत्तर कोरिया का वारिस माना जाता था। अनेक बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में वे अपने पिता के साथ नजर आए। लेकिन साल 2001 में किम जोंग-नाम जापान में फर्जी पासपोर्ट के जरिये घुसने की कोशिश करते पकड़े गए। ऐसे में उत्तर कोरियाई सरकार के लिए ये बर्दाश्त नहीं हुआ। बाद में किम जोंग-इल ने उन्हें अपने वारिस के तौर पर पेश करना बंद कर दिया। किम ने अनेक बार अपने भाई किम-जोंग-उन की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। वो उत्तर कोरिया में राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के हिमायती थे। दोनों भाई कभी एक दूसरे से नहीं मिले।

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