नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में भाजपा के प्रचण्ड बहुमत से जीतने और हिन्दूवादी सांसद योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने के फैसले को लेकर जहां देश में खुशी और जोश का माहौल है, वहीं विदेश में इसे अतिवादी हिन्दुत्व को उभार कहा जा रहा है और इसकी आलोचना की जा रही है। योगी को सीएम बनाने को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अमरीका के न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय में कुछ इस तरह की टिप्पणी करते हुए योगी को सीएम बनाने के लिए पीएम मोदी के फैसले की आलोचना की गई है। इस पर भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए करारा जवाब दिया है। भारत सरकार ने कहा है कि संपादकीय में इस तरह की टिप्पणी करना अखबार की समझ पर सवाल उठाता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बाग्ले ने बयान दिया है कि किसी भी अखबार के संपादकीय या विचार विषयपरक होता है। वास्तविक लोकतांत्रिक तरीकों के फैसले पर संदेह करना समझ से परे हैं और कई तरह के सवाल भी उठाता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने आलोचनात्मक संपादकीय में शीर्षक दिया है कि हिंदू अतिवादी को मोदी का जोखिमपूर्ण आलिंगन। इसमें टिप्पणी की है कि जब पीएम पद पर नरेन्द्र मोदी चुने गए हैं, अपनी पार्टी के कट्टरवादी हिंदू आधार को तुष्ट करते रहे हैं। कट्टर छवि वाले हिंदू संन्यासी आदित्यनाथ योगी को उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है। पीएम मोदी की पार्टी का यह कदम धार्मिक अल्पसंख्यकों को चौंकाने वाली झिड़की है। भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा की शानदार जीत से पीएम मोदी का साहस बढ़ा है। यह संकेत है कि 2019 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले राजनीतिक गुणा-भाग से पीएम मोदी की बीजेपी को विश्वास हो गया है कि धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र को हिन्दू राष्ट्र में बदलने के उनके पुराने सपने को साकार करने के रास्ते में कोई रुकावट नहीं है। संपादकीय ने यह भी लिखा है कि योगी आदित्यनाथ ने एक धर्म विशेष के लोगों को भला-बुरा कहकर अपना राजनीतिक कैरियर आगे बढ़ाया। अतिवादी हिन्दू संयासी को सीएम बनाकर अल्पसंख्यक समाज को झिड़की देने का फैसला किया है।

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