My Third Child campaign to shape the future of a child by small families

नयी दिल्ली। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार करीब दो करोड़ बच्चे लावारिस हैं और ऐसे बच्चों की उचित देखभाल तथा हिफाजत के लिए एक एनजीओ ने माई थर्ड चाइल्ड अभियान की शुरूआत देशभर में की है। इस अभियान में लोगों और परिवारों को एक बच्चे की आर्थिक मदद कर उसका भविष्य संवारने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजिस आॅफ इंडिया (एसओएस इंडिया) नामक यह संगठन अनाथालय में बच्चों के पालन-पोषण की प्रक्रिया से अलग इस तरह की अवधारणा को प्रसारित कर रहा है जिसमें छोटे परिवारों द्वारा लावारिस बच्चों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है जहां मां अभिभावक की भूमिका निभाए और बाकी बच्चे भाई-बहन की तरह रहें।

संस्था ने एक बयान में कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 54 प्रतिशत दंपतियों के दो या एक ही बच्चे हैं। जबकि 2016-17 में केवल 3210 बच्चों को गोद लिया गया। करीब दो करोड़ बच्चे हैं जिनके सिर पर माता-पिता का साया नहीं है। विज्ञप्ति में संस्था की महासचिव और राष्ट्रीय निदेशक अनुजा बंसल के हवाले से कहा गया, ह्यह्य #माई थर्ड चाइल्ड अभियान की अवधारणा हम दो हमारे दो के नारे से उपजी है और हमारे बीच रहने वाले समृद्ध लोगों के दिल में ऐसे बच्चों के लिए जगह बनाने को प्रोत्साहित करती है जो कम सौभाग्यशाली हैं, जिनके पास परिवार नहीं है। उन्होंने कहा, इस अभियान के माध्यम से हम इन परिवारों को और लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करते हैं कि वे एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजिस आॅफ इंडिया में एक बच्चे को आर्थिक रूप से मदद देकर अपने परिवार की खुशी और आनंद उसके साथ साझा करें।

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