– मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना:खेतों में तारबंदी के लिए 48 हजार रुपये तक का अनुदान
-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। किसान कल्याण को समर्पित राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को समृद्ध और खुशहाल बनाने के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना शुरू की गई है। योजना में राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत खेतों की जानवरों से सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा तारबंदी पर अनुदान देने की अपूर्व पहल की गई है। इस योजना का लाभ लेकर किसान अपने खेतों में तारबंदी कर रहे हैं और जिससे उनके खेतों में खड़ी फसलों का नील गाय, आवारा पशु व जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से बचाव हो रहा है। इससे किसानों के फसल उत्पादन में तो वृद्धि हुई ही है, उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है। कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों को तारबंदी के लिए राज्य सरकार द्वारा लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपये (जो भी कम हो) देय है। वहीं अन्य कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपये (जो भी कम हो) का अनुदान दिया जा रहा है। कानाराम ने बताया कि राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत गत 4 वर्षों में तारबंदी के लिए 5 हजार 827 किसानों को 17 लाख 402 मीटर तारबंदी के लिए 171 करोड़ 13 लाख 88 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। वर्ष 2018-19 में (दिसम्बर 2018 से) में 180 किसानों को 80 हजार मीटर की तारबंदी के लिए 80 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में एक हजार 14 किसानों को 3 लाख 30 हजार 480 मीटर की तारबंदी के लिए 330.48 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में 2 हजार 75 किसानों को 5 लाख 19 हजार 495 मीटर की तारबंदी के लिए 519.50 लाख रुपये का, वर्ष 2021-22 में 2 हजार 110 किसानों को 5 लाख 99 हजार 29 मीटर की तारबंदी के लिए 599.03 लाख रुपये का एवं वर्ष 2022-23 में अब तक 448 किसानों को  एक लाख 71 हजार 398 मीटर की तारबंदी के लिए 184.87 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कृषि बजट घोषणा 2022-23 में राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत आगामी 2 वर्षों में एक करोड़ 25 लाख मीटर की तारबंदी पर 35 हजार से अधिक किसानों को 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। कृषि आयुक्त ने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि किसान के पास 1.5 हैक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर हो। इससे कम भूमि होने पर भी राज्य सरकार द्वारा दो या दो से अधिक किसानों के कृषक समूह, जिसके पास 1.5 हैक्टेयर या अधिक भूमि हो, को योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान किया गया है। योजना के अंतर्गत खेत में तारबंदी के लिए कृषक को 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष 2022-23 से राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन में तारबंदी में आवेदन की प्रक्रिया 30 मई 2022 से पूर्णतरू ऑनलाइन कर दी गयी है। जिसमें किसान लाभ लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं किसानों को अधिकतम 6 माह पुरानी जमाबंदी की नकल के साथ बैंक पासबुक की प्रति के भी देनी होगी। योजना अथवा आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं अथवा किसान कॉल सेंटर के निरूशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं। झालावाड़ जिले के ग्राम झुमकी निवासी नरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि उन्हें वर्ष 2021 में खेत में तारबंदी के लिए राज्य सरकार द्वारा 40 हजार रुपये की अनुदान राशि दी गयी थी। उन्होंने बताया कि वे प्याज की खेती करते हैं और साथ ही उन्होंने संतरे का बगीचा भी लगा रखा हैं। नरेन्द्र कहते हैं कि तारबंदी से पहले नीलगाय, गाय और आवारा पशुओं के कारण अक्सर उनकी फसल बर्बाद हो जाती थी और जानवर बगीचे के पेड़ों और फलों को भी नुकसान पहुंचाते थे। अब तारबंदी के कारण इन पशुओं पर रोक लग गयी हैं और फसल में नुकसान कम होने से पहले के मुकाबले ज्यादा उत्पादन भी होने लगा हैं। वो बताते हैं कि उनकी आय में 2 लाख तक का इजाफा हुआ है। नरेन्द्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का लाख दृलाख धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने किसानों के बारे में इतना सोचा। वे कहते हैं कि यदि उन्हें राज्य सरकार से सहायता नहीं मिलती तो वे कभी इतने पैसे इकट्ठे नहीं कर पाते, कि अपने खेत में तारबंदी करवा सकें। इसी प्रकार चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम जयसिंह पुरा निवासी नंदलाल धाकड़ भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि राज्य सरकार की इस योजना के कारण उनके खेतों को सुरक्षा मिली है और फसल का नुकसान होने से बच जाता है। वे कहते हैं कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2021 में उन्हें कृषक समूह में तारबंदी के लिए 19 हजार 300 रुपये की अनुदान राशि दी गयी थी। वे बताते हैं कि उन्होंने सीताफल और अमरूद का बगीचा लगा रखा है। साथ ही वे गेहूं,मेथी, सरसों और लहसुन की खेती भी करते हैं। तारबंदी होने से पहले अक्सर नीलगाय और जंगली पशु फसल को खराब कर देते थे। इन जानवरों को रोकने के लिए उन्हें कड़ाके की सर्दी में रात को खेत पर ही रुकना पड़ता था, जिससे कई बार उनकी तबियत भी खराब हो जाती थी। वे कहते हैं कि तारबंदी के बाद से उनकी आय में लगभग एक लाख रुपये तक कि वृद्धि हुई है। साथ ही अब वे निश्चिंत होकर रात को घर में सो सकते हैं, क्यों कि रात में खेतों की रखवाली करने की फिक्र नहीं करनी पड़ती। नंदलाल की ही तरह चित्तौड़गढ़ के किसान भैरूलाल और गोपाललाल भी राज्य सरकार का योजना में लाभ देने के लिए धन्यवाद करते हैं। इन दोनों को कृषक समूह में खेत की तारबंदी के लिए सहायता राशि दी गई है। योजना के तहत भैरूलाल को 35 हजार 800 रुपये और गोपाललाल को 18 हजार 700 रुपये की की राशि मिली है।

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