लखनऊ। पीलीभीत से सांसद व भाजपा के युवा नेता वरुण गांधी एक कार्यक्रम के दौरान ऐसी बात बोल गए कि उनकी बातों से यूपी चुनावों में भाजपा संकट में आने के साथ ही कठघरे में खड़ी नजर आई। वरुण गांधी ने इंदौर के एक स्कूल में विचार नए भारत का विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन बिंदूओं पर सीधे अपनी बात कही। जिन बिंदूओं पर अब तक भाजपा सरकार अपनी विपक्षी पार्टियों पर प्रहार करती है। वरुण गांधी ने विजय माल्या, रोहित वेमुला, अल्पसंख्यकों की मुश्किलें, किसानों की आत्महत्या समेत जीडीपी की हकीकत को लेकर केन्द्र सरकार पर जमकर तीर चलाए। उन्होंने कहा कि पिछले साल हैदराबाद में दलित शोध छात्र रोहित वेमुला ने अपनी जान दे दी। जब उसकी चिट्ठी मैंने पढ़ी तो आंखों में आंसू आ गए। चिट्ठी में लिखा कि मैं अपने लिए जान नहीं दे रहा वरन इस रुप में जन्म लेने का मैंने पाप किया है। इसी तरह अल्पसंख्यकों के मामले में कहा कि देश की आबादी में 17.18 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं। लेकिन इनमें से केवल 4 फीसद लोग उच्च शिक्षा हासिल कर पाते हैं। इन लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हमें आगे आना होगा। किसानों के लिए कहा कि देश के अधिकांश किसान कुछ हजार रुपए का कर्ज नहीं चुका पाने के चलते जान दे देते हैं, लेकिन विजय माल्या पर सैंकड़ों करोड़ रुपए का कर्ज बकाया होने पर भी वह देश छोड़कर भाग गया। देश के बड़े औद्योगिक घरानों पर बकाया कर्ज माफ कर देने के मामले में उन्होंने सख्त ऐतराज जताया। कहा कि अमीरों को रियायत दी जा रही है। जबकि गरीबों की जरा सी संपत्ति को पूरी तरह निचोड़ा जा रहा है। जीडीपी के मामले में वरुण ने मोदी सरकार को घेरा और कहा कि जीडीपी देश की तरक्की का वास्तविक पैमाना नहीं है। सरकार को फूल कर कुप्पा होने की जरुरत नहीं आज भी स्वास्थ्य, अशिक्षा, बेरोजगारी सहित मूल समस्याओं को हल नहीं किया गया है। गौरतलब है कि यूपी चुनावों में भाजपा ने वरुण को पूरी तरह किनारे ही कर रखा है। यूपी में चार चरणों के चुनाव होने को आए, लेकिन उन्हें अभी तक प्रचार की सूची में नहीं लगा गया। इसी तरह चुनावों में वरुण गांधी के करीबी लोगों के टिकट गए। जिसे उनकी भाजपा से नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।

LEAVE A REPLY