jaipur. फेफडों के रोग दुनिया की सबसे आम समस्याओं में से एक है। जब फेफडें रोग ग्रस्त होते है तो आॅक्सीजन लेने व कार्बनडाईआॅक्साईड निकालने को काम सही से नहीं कर पाते है। जिसके कारण कई सारे रोग होते है जैसे की अस्थमा, कैंसर, निमोनिया, सी.ओ.पीडी. आदि, फेफडों के होने वाले रोगों के कई सारे लक्षण है जैसे की सांस फूलना, अधिक बलगम निकलना, छाती में दर्द, खांसी आदि लक्षण शामिल है।
इन लक्षणों के होने के बाद यदि लापरवाहि बरती जाये तो आदमी की मृत्यू हो सकती है। फेफडों के कुछ रोगों से बचाव किया जा सकता है। लेकीन कुछ रोग तो ऐसे है जिनसे बचाव नहीे किया जा सकता है।
कुछ साधारण से सावधानियां बरत कर आप फफउों के रोगों से दूर रह सकते हों जैसे की धुम्रपान नहीं करना, नियमित रुप से व्यायाम करना व वायु प्रदुषण से बचना आदि।

पूरे विष्व में 25 सितम्बर को वल्र्ड लग्स डे ंके रुप में मनाया जाता है। हार्ट अटैक के बाद मृत्यु का दूसरा बढा कारण फेफडों से होने वाली बिमारयां है। दुनियां भर में फैफडों से होने वाली बिमारियों से करोडों लोग मृत्यु का षिकार होते है। जिन्हे हम निम्न प्रकार से समझ सकते है।
1. निमोनिया दुनियाभर में लगभग 40 लाख लोग प्रतिवर्ष निमोनिया से मर जाते है।
2. अस्थमा की बात करें तो लगभग 33 करोड़ लोग अस्थमा से ग्रसित है। 14 प्रतिषत बच्चों में भी अस्थ्मा है।
3. सी.ओ.पी.डी. से मरने वाले 30 लाख लोग हैै और यह रोग भारत जैसे विकासषील देषों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है।
4. फेफडो के कैंसर से मरने वाले भी पूरी दुनिया में 170000 लोग है।
5. टी.बी. लगभग  1 करोड़ लोग प्रतिवर्ष टी.बी. का षिकार होते है। जिनमें से 16 लाख लोग दम तोड़ देते है।
डां. शुभ्रांषु वरिष्ठ श्वांस एंव अस्थमा रोग विषेषज्ञ जीवन रेखा हाॅस्पिटल ने बताया की इन रोगों के  होने के मुख्य कारण है वायु प्रदुषण, काम करने के दौरान धूल, धुआं, रेडाॅन जैसी हानीकारक गैंसों के संपर्क में आना, आदि तो है ही इसके अलावा यह रोग आनुवांषिकी कारणों व परिजनों के धुम्रपान करने के कारण भी होता है।
इस कारण हमें सावधानी बरतनी चाहिये।
इस रोग के उपचार के बारे में बताते हुये डां. पंकज गुलाटी श्वांस एंव अस्थमा रोग विषेषज्ञ शैल्बी हाॅस्पिटल ने बताया की कुछ सांवधानियां बरत कर हम इन रोगों से बच सकते है जैसे नियमित रुप से व्यायाम करें, पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करें, भीड़ भाड व संक्रमित लोगों से दूर रहे, धूम्रपान नहीं करें आदि के द्वारा इन रोगों से दूर रह सकते है।

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