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जयपुर। कीमती सामान चुराने के लिए एक परिचित वृद्ध का अपहरण कर हत्या करने तथा साक्ष्य नष्ट करने के अपराध में गिरफ्तार किए गए दो मुल्जिमों को एनडीपीएस मामलों की विश्ोष अदालत में जज नेपाल सिंह ने आजीवन कारावास एवं 7०-7० हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया हे। अदालत ने गोपालपुरा-आगरा, यूपी निवासी अंशुल दुबे एवं पटेल मार्ग, मानसरोवर निवासी नीरज जैन को परिचितजन्य साक्ष्य के आधार पर आईपीसी की धारा 3०2 में आजीवन कारावास व 5०-5० हजार रुपए, धारा 364 में 1० वर्ष कठोर व 1०-1० हजार रुपए, धारा 38० में 7 वर्ष कठोर व 5-5 हजार रुपए तथा धारा 2०1 के अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

इस संबंध में मृतक राजकुमार सबलावत के पुत्र आशीष ने 27 जून, 2०15 को गुमशुदगी एवं 29 जून को चोरी एवं अनिष्ट होने का सन्देह जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। परिवादी का कहना था कि उसकी चार बहिनें मधुलता बापू नगर, जयपुर में, मीनाक्षी जैन जोधपुर में व एकता कोलकाता तथा वह स्वयं मुम्बई में रहता है। पिता राजकुमार अकेले सूरजनगर सिविल लाईन्य में अकेला रहता था। 25 जून 2०15 को बातचीत हुई थी। बहिन एकता ने बताया कि पिता के फोन को अन्य व्यक्ति ने उठाया है। पुत्र 26 जून को जयपुर आया। 29 जून को घर संभाला तो एंटीक सामान के अलावा ज्वैलरी, कागजात, बैंक लॉकर्स की चाबियां सहित अन्य सामान गायब मिला। पडौसियों ने बताया कि पिता के पास नीरज जैन आता-जाता था।

पुलिस ने 5 दिन बाद दोनों मुल्जिमों को गिरफ्तार कर प्रताप नगर स्थित किराए के मकान में रख्ो बक्से से बरामद की थी। शव पर नमक व एसिड डालकर नष्ट करने का भी प्रयास किया था। चिकित्सकों के अनुसार गला एवं मुंह दबा कर 5-6 दिन पहले ही हत्या कर दी गई थी। मृत्यु पूर्व की भी चोटें पाई गई। अभियुक्तों ने अंशुल के मकान पर हत्या कर शव प्रताप नगर स्थित किराए के मकान में रख दिया था। जहां से पुलिस ने बरामद कर कोर्ट में चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेन्द्र मीना ने 18 गवाहों के बयान करवाए।

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