Ready to watch the film, but the guarantee will be what the film is ban: Kalvi
The President of the Sri Karani Army, Lokendra Singh Kalvi, opposing the Padmavat, has denied this by pressing a press conference in Shree Rajput Sabha Bhavan on Saturday afternoon, his organization has supported the Padmaav film.

जयपुर। एक राजपूत संगठन की ओर से मुम्बई में पदमावत फिल्म देखे जाने और इसे राजपूत आन-बान-शान की प्रतीक बताए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पदमावत फिल्म का विरोध कर रही श्री करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह कालवी ने शनिवार दोपहर में श्री राजपूत सभा भवन में प्रेसवार्ता करके इस बात खंडन किया है, उनकी संस्था ने पदमावत फिल्म का समर्थन किया है। कालवी ने कहा कि हमारी संस्था डेढ़ साल से इस फिल्म का विरोध कर रही है। हमारे विरोध के चलते ही यह फिल्म यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा, गोवा आदि राज्यों में रिलीज नहीं हो पाई।

कालवी ने कहा कि हमारे नाम से मिलती-जुलती कई संस्थाएं देश में हो गई है। अगर कोई ऐसी संस्थाएं फिल्म देखती है या संजय लीला भंसाली जैसे लोगों को समर्थन देती है तो वे देंवे, लेकिन हम इसका विरोध करते रहेंगे। किसी भी कीमत पर इसे रिलीज नहीं होने देंगे। कालवी ने कहा कि फिल्म को समर्थन देने के लिए किसी पत्र और स्टिंग आॅपरेशन के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है, जिसमें लेन-देन की बात सामने आई है। ना ही इस संबंध में हमें कोई बात करनी है। करणी सेना राजस्थान के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने भी कहा कि करणी सेना के नाम से कई संस्थाएं हो गई है। हमारी सेना ना समर्थन दिया और ना ही देंगे। गौरतलब है कि श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के मुंबई के पदाधिकारी योगेन्द्र सिंह कतार ने एक पत्र जारी करके कहा है कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी के निर्देश पर हमने शुक्रवार को मुंबई में पदमावत फिल्म देखी। फिल्म में राजपूतों की बहादुरी और उनकी कुर्बानी को दर्शाया गया है। राजपूत समाज और रानी पद्मनी के खिलाफ फिल्म में कोई गलत दृश्य नहीं है। यह फिल्म राजपूत समाज को गौरवांवित करने वाली है।

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