जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के संवाहक बने आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों सहित अन्य विद्यालयों में भामाशाहों के सहयोग से आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
राजे ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान में अभूतपूर्व काम हुआ है। हर ग्राम पंचायत में आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों, स्वामी विवेकानंद माॅडल स्कूल, शारदे बालिका छात्रावास सहित अन्य नवाचारों से प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार आया है और इसका असर परीक्षा परिणामों में भी दिखाई देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। करीब साढ़े चार हजार पंचायतों में आदर्श विद्यालय विकसित किए जा चुके हैं और इस वित्तीय वर्ष में 5 हजार से अधिक पंचायतों में ये विद्यालय विकसित किए जाएंगे। राजे ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कम्प्यूटर शिक्षा में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से किसी मायने में कम न हों, इसके लिए इस साल करीब 7 हजार स्कूलों को इंटरनेट सुविधा से जोड़ा जाएगा और करीब साढ़े तीन हजार से अधिक स्कूलों में कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि कंप्यूटर शिक्षा के लिए जो पैसा सरकार खर्च कर रही है, उसका पूरा सदुपयोग हो। बैठक में बताया कि बच्चों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्राप्त हो सके इसके लिए प्रदेश के करीब 625 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल क्लास रूम्स स्थापित किए जा चुके हैं। करीब 145 अन्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इस साल जुलाई तक ये क्लास रूम्स स्थापित किए जाएंगे। साथ ही प्रदेश के 12 सैकंडरी तथा सीनियर सैकंडरी स्कूलों को सौर ऊर्जा के माध्यम से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं सहित अन्य घोषणाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। इस अवसर पर शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, मुख्य सचिव ओपी मीना, प्रमुख शासन सचिव वित्त प्रेमसिंह मेहरा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा नरेशपाल गंगवार, राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद् के आयुक्त डाॅ. जोगाराम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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