मेघालय. केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने मेघालय में संसद सदस्य क्षेत्रीय विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के उपयोग पर संतोष व्यक्त किया। शिलांग की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर गए सदानन्द गौड़ा ने आज मेघालय में चल रहे सांख्यिकी सशक्तिकरण के लिए समर्थन (एसएसएस) योजना, एमपीएलएडी योजना के क्रियान्वयन की स्थिति तथा 150 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले केंद्रीय आधारभूत परियोजनाओं की समीक्षा की। ये योजनाएं भारतीय रेल तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा चलाई जा रही है। सदानन्द गौड़ा मेघालय के मुख्यमंत्री डॉ. मुकुल संगमा से मुलाकात की और राज्य की विकास परियोजनाओं पर चर्चा की।
बर्नीहाट से शिलांग तक की नई बी. जी. रेलवे लाईन निर्माण की समीक्षा करने के पश्चात मंत्री महोदय ने कहा कि रेलवे मेघालय में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराएगा। इस रेलवे लाईन को रेल बजट 2010-11 में राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया था। मंत्री महोदय ने कहा कि इस परियोजना से रोजगार सृजन के अलावा पर्यटन को भी अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा। मंत्री महोदय ने परियोजना में देरी के प्रति चिंता व्यक्त की। बाद में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं और परियोजना से संबंधित सभी अवरोधों को दूर कर लिया जाएगा। सांख्यिकी सशक्तिकरण के लिए समर्थन (एसएसएस) योजना की समीक्षा करने के पश्चात मंत्री महोदय ने जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना राज्य में सांख्यिकी प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए लागू की गई है ताकि राज्य सटीक, विश्वसनीय और समय पर डेटा प्राप्त कर सके। राज्य सांख्यिकी प्रणालियों को मजबूत बनाने के लिए उनका मंत्रालय राज्य सरकार को आवश्यक धन उपलब्ध करा रहा है और यह योजना मेघालय में भी जल्द ही शुरू की जाएगी।
मंत्री ने राज्य में एमपीएलएडी कोष के 95 प्रतिशत उपयोग के प्रति संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उपयोगिता प्रमाण-पत्रों को सही समय पर जमा कराने के पश्चात ही शेष कोष जारी किए जाएंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि वे एमपीएलएडीएस पोर्टल का उपयोग करें और इसे अपडेट करने में निरंतरता बनाए रखें। मेघलय में 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली 6 केंद्रीय परियोजनाएं चल रही हैं। इन 6 परियोजनाओं की कुल मूल लागत 7108.02 करोड़ रुपये थी और अनुमानित पूर्णता लागत 9025.00 करोड़ रुपये है। इसका मतलब है कि 1916.98 करोड़ रुपये लागत से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। मंत्री महोदय ने संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे परियोजनाओं को समय के अनुसार पूरा करें।