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हैदराबाद. भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत कभी भी आक्रामक नहीं था और कभी किसी देश पर हमला नहीं किया. इसे विश्वगुरु के रूप में जाना जाता था और हमेशा “सर्वजन सुखिनो भवन्तु” के दर्शन में विश्वास करता था। हैदराबाद में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस.वी. शेषगिरी राव द्वारा लिखिति ‘इंडियाज़ ओशन नेबरहुड: पीएम नरेंद्र मोदीज स्ट्रैटजी, इनिशियटिव्स’ पुस्तक का विमोचन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि यह पुस्तक भारत के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के बहु-आयामी महत्व पर एक सामयिक ग्रंथ जैसी है, विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के संदर्भ में।
उन्होंने कहा कि भारत के समुद्री हितों की रक्षा और इस क्षेत्र के लिए खतरे के मद्देनजर सुरक्षा को मजबूत करने को लेकर भारत सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं जिस पर यह पुस्तक प्रकाश डालती है.

उपराष्ट्रपति ने वैश्विक मंच पर भारत के हित को बढ़ावा देने और कूटनीति को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों की सराहना की। यह बताते हुए कि इतिहास हमें बताता है कि भारत की एक बार हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभावी उपस्थिति थी, नायडू ने कहा कि भारत के अतीत के गौरव को फिर से प्राप्त करने और विश्व मंच पर अपनी भूमिका का निर्वाह करने का समय आ गया है। भारत अब अपने सुधारों, आर्थिक विकास और विकास के लिए दुनिया भर में पहचाना और सम्मानित किया जा रहा है, उन्होंने कहा और भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए समर्थन मिल रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत द्वारा शुरू की गई अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने को लेकर सौर ऊर्जा के कुशल दोहन की खातिर 121 देशों को एक साथ लाया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया है। यह एक प्राचीन कला है। नायडू ने युवा पीढ़ी से समुद्र सुरक्षा के महत्व को समझने के लिए प्रोफेसर शेषगिरि राव द्वारा लिखित पुस्तक को पढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ‘सर्वजन सुखिनो भवन्तु’ के दर्शन को आगे बढ़ाने के लिए भी समुद्र सुरक्षा महत्वपूर्ण थी।

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