Priyanka Gandhi, Rahul Gandhi
Priyanka Gandhi, Rahul Gandhi

जयपुर। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के राष्टÓीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा दांव खेला है। राहुल गांधी ने बड़ी बहन प्रियंका गांधी का राजनीति में पर्दापण करते हुए राष्टÓीय महासचिव बनाया है। साथ ही उन्हें पूर्वांचल की जिम्मेदारी दी है। इसी क्षेत्र से पीएम नरेन्द्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी सांसद और विधायक है। प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारकर राहुल गांधी ने एक तरह से यूपी की राजनीति में बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है। यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन के बाद कांग्रेस खुद को असहाय समझ रही थी। सपा और बसपा ने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया है।

प्रियंका गांधी को राष्टÓीय महासचिव की हैसियत से पूर्वांचल का प्रभारी बनाकर एक तरह से सपा-बसपा के गठबंधन को चुनौती दी है, साथ ही भाजपा के इस मजबूत गढ़ को भी फतह करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर रखी है। पूर्वांचल में प्रियंका गांधी का खासा क्रेज है। मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ही संभालती आई है। अब उन्हें पूर्ण जिम्मेदारी देकर सपा-बसपा गठबंधन और भाजपा के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अचानक हुए इस फैसले से कांग्रेसजनों में उत्साह है तो विरोधी दलों में खलबली मची हुई है। प्रियंका गांधी अब यहां सक्रिय रहकर पार्टी प्रत्याशियों के लिए काम करेगी और संगठन को सक्रिय करेगी। इसी पूर्वांचल की एक सीट आजमगढ़ को छोड़कर शेष सभी सीटों पर भाजपा जीती थी पिछले लोकसभा चुनाव में।

वाराणसी से पीएम मोदी जीते थे और गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ। आजमगढ़ से सपा ने जीत हासिल की थी। पूर्वांचल पर कांग्रेस की मजबूती के लिए प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारा गया है। कांग्रेस के इस दांव से इस सूबे के सियासी समीकरण बदलेंगे यह तो लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन इस फैसले से कांग्रेस में उत्साह है। वैसे भी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता प्रियंका गांधी को यूपी की राजनीति में सक्रिय करने की मांग करते रहे हैं। आज इस फैसले के बाद पूरे यूपी में उत्साह का माहौल बताया जा रहा है। पार्टी कार्यालयों पर कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़े हैं।

प्रियंका गांधी के सक्रिय होने से पूर्वांचल के ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम वर्ग फिर से कांग्रेस से जुड़ेगा, यह पार्टी नेताओं का मानना है। वैसे एक दौर में ब्राह्मण कांग्रेस के समर्थक रहे, बाद में वे बीजेपी की तरफ चले गए। खासकर पिछले लोकसभा चुनाव में। प्रियंका गांधी के आने से ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम फिर से कांग्रेस की तरफ आ सकते हैं। खासकर पूर्वांचल की हर सीट पर ब्राह्मण की तादाद काफी है। ब्राह्मण वोट बैंक को फिर से कांग्रेस की तरफ लाने के लिए प्रियंका गांधी को पूर्वांचल की जिम्मेदारी दी है। राहुल गांधी का यह बड़ा टम्प कार्ड है। ऐसे ही दूसरे सूबों की जिम्मेदारी भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को दी जाएगी। ताकि लोकसभा चुनाव में यूपी की अस्सी सीटों पर तगड़ी टक्कर दी जा सके।

LEAVE A REPLY