संयुक्त राष्ट्र,  भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में योगदान देने वाले देशों को समय पर प्रतिपूर्ति( रिइंबर्समेंट) करने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे मिशनों की सफलता समय पर भुगतान, पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता और अच्छे प्रशिक्षित सैनिकों से जुड़ी ढ़ांचागत चुनौतियों को हल करने पर निर्भर है।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन के प्रथम सचिव महेश कुमार ने कल यहां कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में आमूल चूल परिवर्तन आया है। एकीकृत और बहुआयामी मिशनों के दौरान शांतिदूतों को लगातार बेहद जटिल आज्ञाओं का पालन कराना होता है, उन्हें अकसर बेहद चुनौतिपूर्ण हालात में काम करना पड़ता है।’’

कुमार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की धनापूर्ति के संबंध में आयोजित एक सत्र में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि शांति मिशन के लिए पुलिस और सैनिक मुहैया कराने वाले देशों से सुप्रशिक्षित और बेहतर साधनों के साथ कर्मियों को उपलब्ध कराने को कहा जाता है। ऐसे में सहयोगी देशों की प्रतिपूर्ति को मजबूत बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।31 मार्च, 2017 तक शांति मिशन देशों के संयुक्त राष्ट्र पर77.7 करोड़ डॉलर बकाया थे।

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