बाल मुकुन्द ओझा
हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने रविवार को 14 हिंदू मंदिरों पर हमला कर 27 मूर्तियों को तोड़ दिया हैं। कुछ को तोड़कर पास के तालाब में फेंक दिया। इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से 2023 में हिंदू मंदिरों पर हमले की ये पहली बड़ी घटना है। घटना बलियाडांगी उपजिला के ठाकुरगांव की है। बांग्लादेश में पिछले 5 महीनों में ये हिन्दू मंदिरों पर हुआ दूसरा हमला है। 7 अक्टूबर 2022 को कट्टरपंथियों ने काली मंदिर में घुसकर मूर्तियां तोड़ डालीं थी। ये मंदिर ब्रिटिश काल के समय का था। पाकिस्तान और बांग्ला देश दोनों ही इस्लामिक देश है। दोनों ही देशों में कट्टरपंथी ताकतें शासन प्रशासन पर हावी है। इन दोनों इस्लामिक देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक है जिन पर आये दिन हमले होते रहते है। हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को भी लगातार निशाना बनाया जाता है। आज़ादी के बाद पाकिस्तान और बांग्ला देश में सैंकड़ों हिन्दू मंदिरों को नेस्तनाबूद कर दिया गया। दोनों ही इस्लामिक देशों में हिंदू संस्कृति संकट में है। हाल यह है कि हिंदुओं को मंदिरों में पूजा करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। सेंटर फॉर डेमोक्रेसी प्लूरेलिज़्म एंड ह्यूमन राइट्स ने भारत के पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक हालत एकदम खस्ता है। इन देशों में अल्पसंख्यक की महिलाओं के साथ रेप, मर्डर जैसी घटनाएँ आए दिन सामने आती रहती हैं।
अल्पसंख्यकों की जिंदगी जितनी पाकिस्तान में नर्क है। यहां पर आए दिन हिंदू परिवारों के साथ उत्पीड़न का मामला आता रहता है। हिंदूओं को जबरन इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया जाता है। हिंदू बेटियों का धर्म परिवर्तन कर जबरन मुस्लिम पुरुषों से निकाह कराया जाता है। आए दिन हिंदू लड़कियों के साथ रेप के मामले सामने आते रहते हैं। विभाजन के समय पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिंदू-सिख थे आज घटकर 2 प्रतिशत बचे हैं। बांग्लादेश में भी अब पाकिस्तान जैसे हालात उत्पन्न होते जा रहे हैं। एक स्टडीज के मुताबिक बांग्ला देश में 1951 में हिंदुओं की आबादी 23 प्रतिशत थी, जो 2017 में घटकर 9 फीसदी रह गई। अब तो ओर भी कम हो गई है। बांग्लादेश मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलीश केंद्र
की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 से 2021 तक बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाते हुए 3600 हमले हुए। इस दौरान हिंदू महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के कई मामले भी सामने आए। एक आंकड़े के मुताबिक बीते समय बांग्लादेश में 128 हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया था। इस स्टडी के अनुसार, इन 8 वर्षों के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हमलों में 550 से अधिक घरों और 440 दुकानों और व्यवसायों को निशाना बनाया गया और उनमें तोड़फोड़ और आगजनी की गई। इस दौरान हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों में तोड़फोड़ और आगजनी के 1,670 से अधिक मामले दर्ज किए गए।
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वे के अनुसार, साल 1947 में जब भारत-पाकिस्तान अलग हुए तो पाकिस्तान के हिस्से में 428 मंदिर मौजूद थे. मगर 1990 के बाद इनमें 408 मंदिरों को रेस्टोरेंट, होटल, दफ्तर, सरकारी स्कूल या मदरसे में तब्दील कर दिया गया। पाकिस्तान में अब केवल 22 हिंदू मंदिर ही बचे हुए हैं। पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 मंदिर हैं। इसके अलावा, पंजाब में चार, पख्तूनख्वा में चार और बलूचिस्तान में तीन मंदिर है।

LEAVE A REPLY