जयपुर। राजस्थान में बीकानेर जिले स्थित नोखा शहर के धरणोक-खारा गांव में नाबालिग के साथ रेप और मर्डर के मामले में पुलिस कार्यवाही नहीं होने व वादाखिलाफी से खफा भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। देवी सिंह भाटी के उग्र तेवरों को देख प्रशासन के साथ खुद सरकार के हाथ पांव फूल गए हैं। इस मामले में राजपूत नेता देवी सिंह भाटी ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर अवगत भी करा दिया है।

बता दें नोखा शहर के पांचू थानान्र्तगत धरणोक-खारा गांव में तीन युवकों ने एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका मर्डर कर शव एक बोरी में डालकर भाग छूटे थे। उस समय लोगों ने समय रहते पुलिस को सूचित किया। लेकिन पुलिस मामले की गंभीरता को नहीं भांप सकी थी। जहां अगले दिन थाने का घेराव करने के साथ ही देवी सिंह भाटी के नेतृत्व में राजपूत समाज ने जमकर पुलिस को आड़े हाथों लिया। जिस पर पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह चौधरी ने थाने को लाइन हाजिर कर दिया। लेकिन देवी सिंह भाटी ने इस मामले में थाने का सस्पेंड करने की मांग की थी। इस मामले में एसपी ने देवीसिंह भाटी को आश्वस्त किया था।

-पत्र लिखकर दे डाली चेतावनी
जिला कलक्टर को भेजे पत्र में देवी सिंह भाटी ने बताया है कि धरणोकमें एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने पर पुलिस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है। इस मामले में नाबालिग की गुमशुदगी की सूचना और रिपोर्ट परिजनों ने पांचू थाने में दी। जहां थाने के एएसआई ने मोबाइल पर ही दूसरे दिन आने को कहा। जबकि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार गुमशुदा व नाबालिग की एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। 29 जुलाई को गांव वालों ने लिखित रिपोर्ट देने पर थाना प्रभारी परमेश्वर व गंगाराम ने उसे लेने से मना कर दिया। वहीं गांव वालों ने एक आरोपी दिनेश को रात को पकड़ लिया था। इसकी भी सूचना गांव वालों ने पुलिस को दी। जहां थानेदार एवं एएसआई गोर्वधनराम ने गांव वालों से कहा कि वे ही दिनेश को थाने लेकर आ जाएं। गांव वाले दिनेश को निजी वाहन में बैठाकर थाने ले गए थे। पूछताछ में दिनेश ने नाबालिग की हत्या करना स्वीकार कर लिया। इसके बाद गांव के ही करणीसिंह व एक अन्य युवक को दिनेश की निशानदेही पर नाबालिग का शव खोजने के लिए भेजा। जहां पर उन्हें एक झाड़ी में घास से ढकी बोरी में नाबालिग का शव पड़ा मिला।

-लगाए आरोप पुलिस ने मिटवा दिए सबूत
करणी सिंह व एक अन्य युवक ने झाडी में छिपाकर बोरी में रखे शव का फोटो लेना चाहा, लेकिन बोरी को झाडिय़ों से बाहर निकलवा कर फोटो खिंचवाया। ऐसे में पुलिस ने पहला सबूत नष्ट कर दिया। इस कार्यवाही में शामिल गवाह करणीसिंह को पुलिसकर्मी गंगाराम ने गांव से भाग जाने को कहा। इसके अतिरिक्त आरोपी दिनेश से घटनास्थल का मौका मुआयना नहीं करा सबूत भी नष्ट कर दिए। इस मामले में पुलिस की कार्यवाही व लापरवाही को लेकर नोखावासियों ने भारी विरोध किया। जहां पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलक्टर के साथ जनप्रतिनिधियों की हुई बातचीत में एसपी ने पांचू थाना के ड्यूटी पर तैनात थानेदार सहित सभी कर्मचारियों को हटाने व विशेष दोषी हवलदार गंगाराम को निलंबित करने का आश्वासन दिया था। उस दरम्यान एक अगस्त तक थाने में 20 पुलिस कर्मी उपस्थित थे। जिनमें महज 9 पुलिसकर्मियों को हटाया गया है। जबकि एक हवलदार गंगाराम को निलंबित किया गया है जबकि अन्य पुलिसकर्मियों सहित थानेदार परमेश्वर को भी नहीं हटाया गया है। अब दबंग नाबालिग के परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में अब इन सभी प्रकरणों के मामले में 6 अगस्त की दोपहर सवा बारह बजे से नोखा उपखंड कार्यालय के सामने समर्थकों के साथ भूख हड़ताल पर बैठा जाएगा।

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