The blasphemy case was executed on Saturday. In Begusarai district, a youth was made blind in the two eyes by adding acids.

पटना। अभिनेता अजय देवगन की फिल्म गंगाजल तो याद होगी ना। इस फिल्म में अपराधी या दुश्मन की आंखों में तेजाब डालकर सजा देना दिखाया। पूरी फिल्म भागलपुर में होने वाले आंखफोडवा कांडों पर बनी थी, जहां छोटी-मोटी बात भी चेहरे और आंखों में तेजाब डालकर बदला लिया जा रहा था। एक दशक बाद फिर से ऐसा ही आंख-फोडवा कांड शनिवार को अंजाम दिया गया। बेगूसराय जिले में एक युवक की दोनों आंखों में तेजाब डालकर उसे अंधा बना दिया गया। यहीं नहीं उसे बुरी तरह से मारा भी गया।

युवक अस्पताल में भर्ती तो तेजाब डालने वाले अधिकांश फरार है। युवक का कसूर यह है कि उसकी और उसके मालिक की पत्नी के बीच प्रेम संबंध हो गए और उसे भगा ले गया। इस घटना से नाराज दयाराम सिंह और उसके साथियों ने दोनों को खोज निकाला। पत्नी को भगाकर ले जाने वाले गौतम चौधरी को प$कड कर उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया। उसकी आंखों की रोशनी चली गई है। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया है। दयाराम सिंह को अरेस्ट कर लिया है। दूसरे आरोपी फरार है। गौतम दयाराम सिंह का टÓेक्टर चलाता था। गत छह फरवरी को दयाराम की पत्नी के साथ भाग गया था। हालांकि पत्नी ने मर्जी से गौतम के साथ जाना का बयान दिया है।

इस वजह से पुलिस ने उसे छोड़ दिया, लेकिन दयाराम सिंह ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल मानते हुए दुश्मनी लेने की साजिश रची। उसने गौतम को यह कहकर बुलाया कि अब मेरी पत्नी तुम्हारे साथ रहेगी, इसे ले जाओ। रास्ते में ही दयाराम के भाईयों व साथियों ने गौतम का अपहरण कर लिया और एक होटल में उसे ले गए, जहां उसके साथ पहले मारपीट की गई। फिर इंजेक्शन से उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया। होटल से उसे सुनसान जगह पर पटक गए। राहगीरों की सूचना पर पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया। आंख फोडवा की इस घटना से बिहार में फिर दहशत का माहौल हो गया है। पुलिस और लोगों को अंदेशा है कि कहीं देखा-देखी फिर से तेजाब कांड ना होने लगे।

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