जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेण्डर्स तथा सर्विस सेक्टर के युवाओं एवं बेरोजगारों को स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना-2021’ के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं संचालित हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में ऎसी कोई व्यापक योजना उपलब्ध नहीं थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत शहरी क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने हेतु संवेदनशील निर्णय लेते हुए इस वर्ष के बजट में ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ लागू करने की घोषणा की थी।
योजना का लक्ष्य स्ट्रीट वेण्डर्स, हेयर ड्रेसर, रिक्शा वाला, खाती, कुम्हार, मोची, मिस्त्री, दर्जी, धोबी, रंगाई-पुताई वाले, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर सहित असंगठित क्षेत्र के अन्य लोगों एवं बेरोजगार युवाओं को रोजगार के जोड़ने के लिए आर्थिक रूप से संबल प्रदान करना है। इसके तहत लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के 50 हजार रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का लाभ नगरपालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम की सीमा में रह रहे 5 लाख लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा।
योजना का क्रियान्वयन स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से किया जाएगा। शहरी क्षेत्र के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए अनुसूचित जाति निगम द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। योजना एक वर्ष के लिए लागू रहेगी और 31 मार्च, 2022 तक नए ऋण स्वीकृत किए जा सकेंगे। ऋण के मोरेटोरियम की अवधि 3 माह तथा ऋण पुनर्भुगतान की अवधि 12 माह होगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिए जिला कलेक्टर नोडल अधिकारी होंगे।

LEAVE A REPLY