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जयपुर। मानसरोवर में स्थित रीको की बेशकीमती 17 बीघा जमीन पर मनोरंजन पार्क बनाने के नाम पर 1993 में 6० रुपए प्रति वर्ग गज की दर से आवंटन कराने के बाद दो बार अवैध क्रय-विक्रय कर हड़पने के चर्चित मामले में आखिरकार रीको ने संबंधित रिकॉर्ड अदालत में पेश कर दिया है। रिकॉर्ड पेश होने के बाद ए.सी.एम.एम.-11 सरीता नौशाद की अदालत ने प्रसंज्ञान पर सुनवाई के लिए 18 जनवरी, 2०18 की तारीख दी है।

मामले के अनुसार 5 नवम्बर, 2०14 को मंगलम ग्रुप के नन्द किशोर गुप्ता सहित 8 जनों के विरुद्ध यह परिवाद पेश किया गया था। कोर्ट ने प्रकरण को गंभीर बताते हुए शिप्रा पथ थाना पुलिस को एसीपी से उच्च स्तर के अधिकारी से जांच करवाकर आगामी 1० अक्टूबर, 2०15 को जांच नतीजा अदालत में पेश करने के आदेश दिए थ्ो।
परिवाद में कहा गया था कि उपरोक्त जमीन मुम्बई निवासी श्याम सुन्दर गोयल की कम्पनी पान इण्डिया पर्यटन लिमिटेड को 1993 में आवंटित की गई थी। यह कम्पनी मुम्बई में एसेल वर्ड चलाती थी। कम्पनी को करों में छूट दी गई। 26 सितम्बर, 1996 को फन किंगडम मनोरंजन पार्क बनकर तैयार हुआ और बड़ों के लिए 75 रुपए तथा बच्चों के लिए 5० रुपए प्रति व्यक्ति टिकट रखा गया। जो 2००5 तक निरन्तर चलता रहा। बीच में कम्पनी ने उक्त जमीन में औद्योगिक कार्य करने की अनुमति मांगी तो, रीको ने इन्कार कर दिया। परिवाद में आरोप लगाया गया कि एन.केे. गुप्ता, ललित कुमार नरेडी, भीमराज बोहरा, विशाल बोहरा, रामवतार नरेडी ने मिलकर एक नई कम्पनी दिव्या होटल रिसोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाई और श्याम सुन्दर गोयल से 24 मार्च 2००5 को खरीदने का ईकरारनामा कर लिया। 5 सितम्बर, 2००9 को करीब 9 करोड़ 6० लाख रुपए में रजिस्ट्री भी करवा दी गई।

जबकि गोयल की कम्पनी पान इण्डिया पर्यटन को बेचने का अधिकार ही नहीं था। नई कम्पनी ने रीको अधिकारियों से मिलीभगत कर जमीन को व्यावसायिक भूमि में परिवर्तित करा लिया। नई कम्पनी ने भी 4 जनवरी, 2००8 को 22० करोड़ रुपए में एस्कोन ग्रुप अहमदाबाद के चेयरमैन प्रवीण कोटक को बेच दी। जबकि तत्कालीन उद्योग मन्त्री नरपतसिंह राजवी ने 31 जुलाई 2००7 को उक्त सारी कार्यवाही रोक दी थी। परिवादी का यह भी कहना है कि 1० जून को मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भूमि वापस लेने के निर्देश दे रख्ो हैं, लेकिन अभी तक सरकार को कब्जा नहीं सौंपा गया है।

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