जयपुर.केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज नई दिल्ली में पत्रकारों को ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ के बारे जानकारी दी। मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ज़रिए हम ‘दुनिया के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल’ को सृजित करने की आशा करते हैं, जिसे अन्य देश भी पुनः दोहरा सकते हैं। इसको आई4सी (i4c), माईजीओवी (mygov), पर्सिस्टेंट सिस्टम (persistent system) एवं रम्भाउ म्हाल्गी पबोदिनी (Rambhau Mhalgi Pabodini) के सहयोग से पहले ही शुरू किया जा चुका है। इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने इस पहल के बारे में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के पैमाने एवं पहुंच अभूतपूर्व है, पहली बार विभिन्न मंत्रालय-विभाग एक साथ आए हैं और अभिनव समाधान की दिशा में कार्यरत छात्रों के लिए करीब 598 समस्याओं को पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ का शुभारंभ हमारे सपनों का डिजिटल भारत बनाने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण के कार्य में प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने के लिए किया गया है। इस पहल में करीब 30 विभिन्न सरकारी मंत्रालय/विभाग भागीदारों के रूप में शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर रेल मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय, डाक सेवाएं, आईएसआरओ, एनसीपीसीआर आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पहली बार सरकारी विभाग विद्यार्थियों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ रहे हैं और अपनी दक्षता में सुधार, राजस्व रिसाव और भ्रष्टाचार की दिशा में डिजिटल समाधान निर्मित करने के लिए उन्हें चुनौती दे रहे हैं। जावड़ेकर ने कहा कि ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ 36 घंटे की नॉन-स्टॉप डिजिटल उत्पाद विकास प्रतियोगिता होगी, जिसके दौरान प्रौद्योगिकी के हज़ारों विद्यार्थी, केन्द्र सरकार के रेलवे मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, इसरो, पर्यटन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभा सहित कुल 29 मंत्रालय-विभागों द्वारा पोस्ट की गई विभिन्न समस्याओं के संबंध में अभिनव डिजिटल समाधान का निर्माण करेंगे। ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ का ग्रैंड फिनाले एक साथ देशभर के 26 अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाएगा और विजेताओं को नकद पुरस्कार दिए जाने के साथ-साथ उनके आइडिया को स्टार्ट अप कार्यक्रम में बदलने में भी उनको मदद की जाएगी। जावड़ेकर ने आगे कहा कि हैकाथॉन की अवधारणा भारत मे अभी भी नई है, इसलिए स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से एआईसीटीई ने देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 26 स्थानों पर जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया है। इन कार्यशालाओं ने विद्यार्थियों को हमारे देश की समस्याओं को समझने और उनसे जुड़ने में मदद की।

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