High Court

जयपुर। अंग्रेजी विषय की तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2०16 में फर्जीवाडा होने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश वी एस सिराधना की एकलपीठ ने अपात्रों को बाहर कर कार्यवाही करने के आदेश दिये है। हाईकोर्ट ने अंग्रेजी भाषा में एडिशनल बीए की पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी एवं स्नातक में अंग्रेजी ऐच्छिक विषय के रूप में नहीं रखने और रीट में अंग्रेजी उतीर्ण नहीं करने वालों को भी चयन से बाहर कर दिया। हाईकोर्ट ने आर-टेट में न्यूनतम 6० प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को ही भर्ती का पात्र माना है। हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज पेश करने वालों को चयन से वंचित करते हुए रोस्टर सिस्टम से मेरिट में आने वालों को नियुक्ति देने को कहा है। नियुक्ति लेने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेज और उनका सत्यापन करने वाले अधिकारी का नाम वेब पोर्टल पर सार्वजनिक किए जाए। फर्जीवाडा पाया गया तो संबंधित अफसर और अभ्यर्थी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।

सरकार ने कहा कि 4,94० पदों के लिए 4,468 सफल अभ्यर्थियों की पहली चयन सूची जारी की गई। इनमें से 65० अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन के लिए नहीं आए। 253 को अपात्र माना गया। दस्तावेज में खामियां मिलने पर 318 अभ्यर्थियों का चयन रोका गया है। 196 अभ्यर्थियों ने एक साल का एडिशनल बीए किया है।
याची का कहना था कि 11 सितम्बर, 2०16 को निकाली गई भर्ती में संबंधित विषय में 6० प्रतिशत अंकों से आरटेट या रीट उत्तीर्ण होने की शर्त रखी। संबंधित विषय स्नातक में भी होना चाहिए था। लेकिन आरटेट या रीट में 6० प्रतिशत से कम अंक लाने वालों का भी चयन कर लिया गया। कुछ कÞ पास स्नातक में भी संबधित विषय नहीं है।

LEAVE A REPLY