Pink City Festival, Jawahar Kala Kendra, Jaipur

जयपुर। कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने सोमवार को जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में दस दिवसीय पिंक सिटी फेस्टिवल का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर डॉ. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार हैण्डीक्राफ्टस, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं हस्त निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोग इनको अपनाए।

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बापू का यह सपना था सभी स्वावलम्बी बने, लोग अपने घरों में स्वयं कुछ न कुछ चीजे बनाए, जो उनको स्वावलम्बन की ओर ले जाएं। इसी थीम पर पिंक सिटी फेस्टिवल में कुटीर उद्योगों, हथकरघा और हस्त निर्मित वस्तुओं की 100 से अधिक स्टॉल्स लगाई गई है, सरकार द्वारा ये सभी स्टॉल्स निरूशुल्क उपलब्ध कराई गई है, इस मेले के आयोजन में किसी तरह का कॉमर्शियल एटीट्यूड नहीं है, हमारा श्मोटोश् केवल मात्र इस क्षेत्र में काम कर रहे कारीगरों को प्रोत्साहित करने का है।

डॉ. कल्ला ने कहा कि आज पूरे विश्व में हाथ से बनी वस्तुओं का क्रेज बढ़ रहा है, मशीन से बनी वस्तुओं की बजाय हाथ से बने सूती कपड़े और खादी उत्पादों का प्रयोग करने की कई चिकित्सक सलाह देते है। हम चाहते है कि ऎसे मेलों के माध्यम से जनता अधिक से अधिक हस्त निर्मित उत्पादों को अपनाने के लिए आगे आए।
जवाहर कला केन्द्र की स्थापना की बुनियाद इस थीम और परिकल्पना के साथ की गई थी कि यह केन्द्र सांस्तिक गतिविधियों के एक ऎसे केन्द्र के स्प में विकसित हो जो हमारे देश और प्रदेश की कला और सांस्कृतिक की विविधताओं का दिग्दर्शन कराए। हमें इस बात की खुशी है कि गत एक साल में यहां आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों से जेकेके की पहचान विशुद्ध सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में बनी है।

जवाहर कला केन्द्र की महानिदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि इस मेले के माध्यम से सभी प्रकार के आर्ट्स और क्राफ्ट्स को जोड़ने का प्रयास किया गया है। जेकेके इस प्रकार का प्रोग्राम हर साल करना चाहेगा। अतिरिक्त महानिदेशक श्री फुरकान खान ने मेले में आगामी दस दिनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई तथा अतिरिक्त महानिदेशक, प्रशासन श्री ललित भगत ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर लघु एवं कुटीर उद्योगों से जुड़े कारीगर, लोक कलाकार, कला और संस्कृति प्रेमियों सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

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