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जयपुर। लोकतंत्र रक्षा मंच के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि आपातकाल में लोकतंत्र बहाली के योद्धाओं को राज्य सरकार लोकतंत्र सेनानी घोषित करने के लिये गम्भीर है और इस पर उच्च स्तर पर विचार चल रहा है। गहलोत बुधवार को यहॉं होटल नीलम के सभा कक्ष में आपाताकाल (1975-1977) के राजनीतिक सामाजिक बंदियों के राज्यव्यापी संगठन लोकतंत्र रक्षा मंच की प्रदेश बैठक में बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि सरकार ने इस संवगज़् की मॉंगों पर विचार करने के लिये मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया है। समिति शीघ्र ही सरकार को अपनी रिपोटज़् प्रस्तुत करेगी। उन्होनें मंच के कायज़्कपताओं से आव्हान किया कि वे सकारात्मक सोच रखें एवं अपनी सरकार पर पूणज़् विश्वास करें।
मंच के अध्यक्ष हनुमान शमाज़् ने कहा कि सरकार ने बिना मॉंगे ही मीसा-डीआईआर बंदियों को पेंशन राशि  स्वीकृत कर अपनी सदाशयता का परिचय दिया है। सरकार इस संवगज़् का सम्मान करती है व इनकी गरिमा प्रतिष्ठा के प्रति सजग है और उम्मीद रखें कि सरकार आगे भी इस मानसिकता का परिचय देगी।

बैठक में पूर्व मंत्री जोगेश्वर गगज़् ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी समाज का सम्मानित वगज़् है। और सरकार उनके सम्मान में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी की दिशा में अग्रसर है। मंच के महामंत्री देवराज बोहरा ने बताया कि सरकार के निदेज़्श पर 15 अगस्त एवं 26 जनवरी के राष्ट्रीय कायज़्क्रमों में लोकतंत्र सेनानियों को आमंत्रित करने की कायज़्वाही जिला प्रशासन में प्रकियाधीन है। बैठक में महामंत्री राजेन्द्र राज ने प्रस्ताव रखा कि सरकार, भारतीय जनता पाटीज़् के चुनाव घोषणा पत्र – 2013 के  अनुरूप आपातकाल के दौरान राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों से सीआरपीसी सहित विभिन्न कानूनों में  बंदी रहे कायज़्कपताओं को स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों के समकक्ष दजाज़् प्रदान करे। प्रस्ताव को सवज़्सम्मति से स्वीकार किया गया। बैठक में जुगल तापडिय़ा, सौभाग्य नाहर, मेघराज बंब, नारायण रंगा, रजनीकान्त आचायज़्, कामरेड शीशराम, बलवंत निडर, आदि ने भी विचार व्यक्त किये। जयपुर जिला संयोजक बालगोपाल गुप्ता ने धन्यवाद दिया।

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