जयपुर। बिजली के बिलों के लिए फिर से मंहगी स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश इन्द्गजीतसिंह की खंडपीठ ने टेंडर प्रक्रिया जारी रखने की छूट देते हुए टेंडर आवंटन पर रोक लगा दी है। इस नई योजना को लेकर दायर जनहित याचिका में कहा कि बिजली कंपनी पहले बिल जारी करने के लिए स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था अपनाती थी, लेकिन कुछ महिनों बाद ही 2011 में इसे समाप्त कर फोटो बिलिंग की व्यवस्था कर दी। जिससे बिजली कर्मचारी मीटर की फोटो लेकर कंपनी में भेजता था और वहां संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर होकर बिल उपभोक्ता को जारी किया जाता था।
यह योजना स्पॉट बिलिंग के मुकाबले 18 रुपए प्रति बिल सस्ती भी पड़ती थी। इसके बावजूद कंपनी की ओर से अब पुन: स्पॉट बिलिंग योजना शुरू की जा रही है। जिससे बिल की गणना करने में पारदर्शिता नहीं रहेगी और फोटो बिलिंग योजना के मुकाबले स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था महंगी भी रहेगी।