jd scham : andaragraund kebal daalane mein ho raha hai jamakar pharjeevaada

जेडीए की मैसर्स एमआरआर पर मेहरबानी, एसई सुरेश मीणा की मिलीभगत से हो रहा है फर्जीवाड़ा
जयपुर। जब किसी फर्म पर कोई अधिकारी मेहरबान हो जाए, तो उस फर्म के वारे-न्यारे हो जाते हैं, ऐसे में सोचों की जब पूरा विभाग मेहरबान हो जाए तो फिर फर्म के क्या कमीं रहेगी। जयपुर विकास प्राधिकरण में ऐसी ही मेहरबानी बरस रही है मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग के इंजीनियर्स इन दिनों मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर दोनों हाथों से मेहरबान हो रहे है। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग के इंजीनियर्स ने पहले तो प्लानिंग के साथ मैसर्स एमआरआर को करोड़ों रूपए के अंडरग्राउण्ड केबल डालने, शिफ्टिंग करने और स्ट्रीट लाइटों का काम दे दिए गए और अब इन कार्यों में फर्म द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा कर न केवल घटिया कार्य किए जा रहे हैं, बल्कि जेडीए को करोड़ों रूपए का चूना भी लगाया जा रहा है। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग इंजीनियर्स की मिलीभगत से पहले तो गलत तरीके से सड़क की चौड़ाई 20 से 30 फीट बढ़ाकर 15 करोड़ के काम करवा लिए गए। इसके बाद फिर उसी फर्म यही कार्य सड़क की चौड़ाई 80 फीट कर दुबारा वहीं कार्य करवाया जा रहा है। मैसर्स एमआरआर से ही यह कार्य करवाने के लिए रेट कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने के बाद भी जेडीए इलेक्ट्रिक अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा द्वारा नए टेंडर लगाने की बजाए फर्म का रेट कॉन्ट्रेक्ट बढ़ा दिया और फिर चहेती फर्म मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स को 8 करोड़ के काम सौंप दिए। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग इंजीनियर्स की मेहरबानी यहीं नहीं रूका, बल्कि आचार संहिता लगने के बाद भी बैकडेट में फर्म को एक ही दिन में तकनीकी स्वीकृति जारी कर उसी दिन करोड़ों रूपए के अन्य कार्य के वर्क आॅर्डर भी उसी दिन जारी कर दिए गए।

मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर जेडीए अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा, एक्सईएन इलेक्ट्रिक-द्वितीय सी.पी.गुप्ता की मेहरबानी इस कदर बरस रही है कि फर्म की ओर से अंडरग्राउण्ड केबल डालने में किए जा रहे फर्जीवाड़े भी इन अधिकारियों को नजर नहीं आ रहे। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा पृथ्वीराजनगर क्षेत्र के तीन सेक्टर रोड पर अंउरग्राउण्ड केबल डालने और शिफ्टिंग और स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य किया जा रहा है। फर्म द्वारा न्यू सांगानेर रोड से पत्रकार कॉलोनी 100 फीट रोड, महारानी गार्डन से मांग्यावास 100 फीट रोड और न्यू सांगानेर रोड से मुहाना मंडी रोड वाया सरस्वती कॉलोनी रोड पर अंडरग्राउण्ड केबल डालने और शिफ्टिंग का कार्य किया जा रहा है। इन तीनों सेक्टर रोड पर फर्म द्वारा 33 केवी, 11 केवी एचटी लाइन, एलटी लाइन अंडरग्राउण्ड केबल डालने के साथ ही सर्विस कनेक्शन और स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य किया जाएगा। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा इन कार्यों में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। फर्म द्वारा 33 केवी और 11 केवी की जो एचटी अंडरग्राउण्ड केबल डाली है, उनकी गहराई निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नहीं है। मापदण्डों के अनुसार एचटी अंडरग्राउण्ड केबल 4 फीट की गहराई पर डाली जानी थी, लेकिन फर्म द्वारा 2 से 2.5 फीट की गहराई पर ही अंडरग्राउण्ड केबल डाली गई है। अंडरग्राउण्ड केबल डालने के दौरान फर्म द्वारा न तो ट्रैंच में सेण्ड बैड बनाया गया और न ही एचटी केबल पर ईंटों की कवरिंग बनाई गई। फर्म की और से घटिया कार्य करने के बाद भी जेडीए इलेक्ट्रिक विंग अधिशाषी अभियंता सी.पी.गुप्ता द्वारा फर्म पर पूरी मेहरबानी की जा रही है।

स्टोर की बजाए दूसरी साइटों पर पहुंचे स्ट्रीट लाईट पोल
जेडीए में साइटों से हटाने वाले पुराने पोल, बॉक्स और केबल 15 दिन में स्टोर में जमा करानी होती है, लेकिन मैसर्स एमआरआर द्वारा साइटों पर पड़ा पूरा सामान स्टोर में जमा नहीं करवाया जा रहा। सूत्रों के अनुसार मैसर्स एमआरआर द्वारा पीआरएन सेक्टर रोड से हटाए गए स्ट्रीट लाईट पोल स्टोर में जमा कराने की बजाए अपनी रिध्दी-सिध्दी तिराहे पर अपनी दूसरी साइट पर लगा दिए। इन स्ट्रीट लाईट पोल को मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा पुराने फाउण्डेशन के साथ ही लगाया गया है, जो की साफ दिख रहा है। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा रिध्दी-सिध्दी स्थित बीच के डिवाईडर पर लगाए गए स्ट्रीट पोल का कार्य इतने घटिया क्वालिटी का है कि इनमें से एक पोल तो लगाने के एक महिने बाद ही गिर गया।

आखिर किसकी मेहरबानी से चल रहे हैं ये सारे खेल ?
जेडीए में मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा एक के बाद एक किए जा रहे फर्जीवाड़े और गबन के बाद भी जेडीए के अधिकारियों के कानों में कार्रवाई के नाम पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जेडीए में फर्जीवाड़ा करने वाली फर्म को डी-बार करने से कौन बचा रहा है। और किसके आशीर्वाद से अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा, एक्सईएन, सहायक अभियंता और कनिष्क अभियंता द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर इतनी मेहरबानी की जा रही है। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग में चल रहे करोड़ों रूपए के फजीर्वाड़े के खेल को लेकर जेडीसी सहित जेडीए के आलाधिकारी क्यों मौन है। क्या जेडीए में चल रहा करोड़ों का खेल कहीं ऊपर से नीचे तक मिलीभगत का संस्थागत भ्रष्टाचार तो नहीं है, जो जेडीए में एक नए भ्रष्टाचार को जन्म दे रहा है।

कांग्रेस करवाएगी द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट के घोटालों की जांच
द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट के कार्यों को लेकर कांग्रेस और भारत वाहिनी पार्टी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया कि द्रव्यवती नदी सौन्दर्यन प्रोजेक्ट में भारी घोटाला हुआ है। सिविल, इलेक्टिझ्क व दूसरे कार्यों में भारी गलफत है। जो काम हुए ही नहीं, उनके भी भुगतान कर दिए गए और डबल भुगतान के मामले भी हुए हैं। ये सब जेडीए के अफसरों-अभियंताओं की मिलीभगत से हो रहा है। कांग्रेस सरकार द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के कार्यों की जांच करवाएगी और घोटाले में लिप्त अफसरों-अभियंताओं पर कार्रवाई करेगी। उधर, भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि सौन्दर्यन के नाम पर अरबों रुपयों का भ्रष्टाचार हुआ है। प्रोजेक्ट के कार्यों और भुगतान की आॅडिट होनी चाहिए। पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। उधर, कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक पंकज शर्मा काकू ने आरोप लगाया कि मानसरोवर के पीआरएन क्षेत्र में जेडीए द्वारा करवाए जा रहे इलेक्टिझ्क और सिविल कार्यों में फर्में तय मापदण्डों के मुताबिक काम नहीं कर रही है। जेडीए अभियंता भी कमीशन के लालच में गलत कार्यों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और इन कार्यों का भुगतान करके फर्मों को बेजा फायदा दे रहे हैं। इस मामले की शिकायत एसीबी में दर्ज करवाई जाएगी।

फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद भी वर्क आॅर्डर कैंसिल कर, नहीं कर रहे कार्रवाई
जेडीए में कई फजीर्वाड़े उजागर होने के बाद मैसर्स एमआरआर पर अधिकारियों और इंजीनियर्स की मेहरबानी का खेल जारी है। मैसर्स एमआरआर के कई फर्जीवाड़े पहले भी सामने आ चुके हैं। फजीर्वाड़े को लेकर जेडीए में फर्म पर कार्रवाई की अनुशंषा पहले भी हो चुकी, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते मामले को दबा दिया गया, नतीजन आज तक फर्म पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिजली की लाइनों की शिफ्टिंग से लेकर स्ट्रीट लाइटें लगाने फर्म की ओर से खूब फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, लेकिन जेडीए अधिकारी और इंजीनियर फर्म पर कार्रवाई करने की बजाए करोड़ों रूपए की मेहरबानी कर रहे हैं। रेट कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने फर्म का कॉन्ट्रेक्ट बढ़ाने के साथ ही आचार संहिता में करोड़ों रूपए के काम बैकडेट में सौंप दिए। जेडीए इंजीनियर फर्म को काम देने के लिए इतने उत्साहित थे कि आचार संहिता में एक ही दिन में टेक्निकल सेंशन जारी करने के साथ वर्क आॅर्डर भी जारी कर दिया गया। फर्म के इतने सारे फर्जीवाड़े उजागर होने के बाद भी जेडीए अधिकारियों की ओर से न तो कार्य कैंसिल किए जा रहे हैं और न ही फर्म पर कार्रवाई की जा रही है।

जेडीए ने चलाई थी डी-बार करने की फाइल
मैसर्स एमआरआर द्वारा पूर्व में भी टेंडर लेने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में जेडीए की ओर से फर्म को डी-बार करने की कार्रवाई लंबित है। इस मामले में जेडीए ने फर्म की अर्नेस्ट मनी जब्त कर ली थी, जो आज तक रिलीज नहीं की गई। इतना ही नहीं जेडीए की ओर से फर्म को डी-बार करने की फाइल भी चली थी, लेकिन जेडीए इलेक्ट्रिक विंग इंजीनियर्स की मिलीभगत और आलाधिकारियों के दबाव में डी-बार करने की कार्रवाई फाइलों में ही दबकर रह गई। फर्जीवाड़े के उस मामले में मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और अब जो जेडीए इलेक्ट्रिक विंग के अधिकारी फर्म पर इस कदर मेहरबान है कि कार्रवाई तो दूर की बात है, फर्म को मोटा फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारी खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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