Capital Limit in Major Tenderers

जयपुर। जलदाय विभाग में लंबे समय से हाई और मीडियम पीएसी का कमीशन ड्रामा चल रहा है। विभाग के इस कमीशन के ड्रामे के चलते जनता के स्वास्थ्य के साथ भी लंबे समय से खिलवाड़ किया जा रहा है। दरअसल जलदाय विभाग की बड़ी परियोजनाओं में रॉ वाटर ट्रीटमेंट के लिए विभाग की ओर से पॉली एनुमिना क्लोराइड यानि पीएसी की खरीद की जाती है। विभाग में वर्तमान में हाई बेसिसिटी और मीडियम बेसिसिटी दोनों ही तरह की पीएसी की खरीद की जा रही है। पीएसी खरीद का ये सारा खेल कमीशन पर टिका है।

विभाग के इंजीनियर कभी मैसर्स गुजरात एल्कालीज एण्ड केमिकल्स की हाई बेसिसिटी पीएसी को सही और विभाग हित में बताते हुए खरीद की सलाह देती है तो कभी मैसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज की मीडियम बेसिसिटी पीएसी की सलाह देते हैं। विभाग के अधिकांश ओएण्डएम कार्यों में किसी महिने हाई बेसिसिटी तो किसी महिने मीडियम बेसिसिटी पीएसी की खरीद कर रॉ वाटर का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। हाई और मीडियम बेसिसिटी पीएएसी कंपनियां ज्यादा सप्लाई को लेकर विभाग में जमकर कमीशन भी बांट रही है। यानि कि इस हाई और मीडियम पीएसी का यह पूरा ड्रामा जिसका दाम, उसको काम पर टिका हुआ है।

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