GST

नई दिल्‍ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कारोबारियों ने 65 हजार रुपये ट्रांजिशन क्रेडिट के तौर पर क्‍लेम किए हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार ने सफाई जारी की है। वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि कारोबारियों के क्रेडिट क्‍लेम करने का उसके राजस्‍व पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जुलाई में 46 लाख से भी ज्‍यादा कारोबारियों ने जीएसटी भरा है। जीएसटी लागू होने के पहले महीने में सरकार को 95 हजार करोड़ रुपये टैक्‍स की रकम के तौर पर प्राप्‍त हुई। हालांकि इसी दौरान कारोबारियों ने 65 हजार करोड़ रुपये का ट्रांजिशनल क्रेडिट भी क्‍लेम किया है। यह क्रेडिट पिछली टैक्‍स नीति के तहत भरे गए एक्‍साइज और सर्विस टैक्‍स के बदले क्‍लेम किया गया है।

वित्‍त मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। इसमें उसने साफ किया है कि इस आंकड़े से घबराने की जरूरत नहीं है और यह कोई बड़ी रकम नहीं है। मंत्रालय के मुताबिक 30 जून, 2017 तक सरकार के पास सेंट्रल एक्‍साइज और सर्विस टैक्‍स के तौर पर 1.27 लाख करोड़ रुपये का क्‍लोजिंग बैलेंस है।

मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि कारोबारियों ने जितना क्रेडिट क्‍लेम किया है। इसका मतलब यह जरूरी नहीं है कि उन्‍होंने इस पूरी रकम का इस्‍तेमाल जुलाई के लिए टैक्‍स भरने में किया हो। मंत्रालय ने उम्‍मीद जताई है कि TRAN-1 फॉर्म के जरिये क्‍लेम किया गया क्रेडिट मुकदमेबाजी में फंसा हो सकता है। इस वजह से ही एसेसी शायद इसका उपयोग न कर पा रहा हो। मिनिस्‍ट्री ने बताया कि टैक्‍स डिपार्टमेंट की तरफ से इन क्रेडिट्स की जांच की जा रही है। इनकी जांच इसी नजरिये से हो रही है कि कहीं ये क्‍लेम मुकदमेबाजी में न फंसे हों। फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने कहा कि कुछ कारोबारियों ने TRAN-1 फॉर्म भरने में कुछ गलतियां की हों। ऐसे में सरकार उन्‍हें अक्‍टूबर के मध्‍य तक गलती सुधारने का मौका देगी।

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