Dudi will campaign on December 1 and 2 at Surat
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने आज सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्य सरकार पर किसानों व युवाओं के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया ।
 डूडी ने कहा कि भाजपा सरकार का अभिभाषण में ‘ सुराज संकल्प पत्र ‘ के वायदे पूरे करने का दावा पूरी तरह खोखला है। सरकार ने 15 लाख नौकरी का वायदा नहीं निभाकर युवा वर्ग को ठगा है ।
नेता प्रतिपक्ष डूडी ने सदन में कहा कि प्रदेश के 61 प्रतिशत किसान कर्ज से डूबे हैं । किसान आर्थिक तंगी के दबाव में आत्महत्या कर रहे हैं और नोटबंदी, जीएसटी के बाद किसानों की दशा बिगड़ी है । किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है, पिछले चार साल से किसान पूरे प्रदेश में सिंचाई, बिजली, सब्सिडी जैसे मुद्दों को लेकर आंदोलनरत हैं । डूडी ने कहा कि वसुंधरा शासन की पहली पारी में पानी मांगते किसानों को गोलियां मारी गई थी, अबकी बार आत्महत्या के लिए विवश कर दिया है । वसुंधरा सरकार के दोनों कार्यकाल किसान के लिए विपदापूर्ण रहे हैं । डूडी ने कहा कि किसानों के अस्तित्व पर संकट है, उनका संपूर्ण कर्ज तत्काल माफ होना चाहिए । मुख्यमंत्री को आत्मचिंतन की सलाह देते हुए डूडी ने कहा कि वैसे भाजपा की विदाई तय है लेकिन मुख्यमंत्री आत्मचिंतन करे कि उन्होंने ऐसा कुशासन क्यों दिया है जिससे पूरा प्रदेश त्रस्त है ।
डूडी ने कहा कि वसुंधरा शासन के चार साल प्रदेश में ऊर्जा, सिंचाई, पेयजल, सड़क, परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा सभी क्षेत्रों में नाकामी भरे रहे हैं । प्रदेश में तीन सौ स्कूल पीपीपी मोड पर देने के पीछे भ्रष्टाचार बड़ा कारण था जिस पर जनविरोध के बाद सरकार पीछे हटी है लेकिन इस आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए । वहीं, भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाला ‘ काला कानून ‘ भी निरस्त करने की घोषणा करनी चाहिए ।
डूडी ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा तंत्र की लचर स्थिति के लिए सरकार दोषी है और सरकार बिजली का निजीकरण करने पर आमदा है । रोजगार के मुद्दे पर सरकार संवेदनहीन है और विघार्थी मित्र, होमगार्ड, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, संविदा प्रेरक, मदरसा पैराटीचर सभी की सरकार उपेक्षा कर रही है । डूडी ने कहा कि प्रदेश में सड़कों की दशा सबसे खराब है, उन्हें जनसुनवाई में दो हजार से ज्यादा ज्ञापन मिले थे इनमें सबसे ज्यादा शिकायत खराब सड़कों को लेकर आयी । जिलों व गांवों में सड़कों की दुर्दशा से लोग त्रस्त हैं, इस वजह से सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ी है । डूडी ने कहा कि नवजातों की मौत के मामले में हाईकोर्ट में सरकार ने कहा है कि प्रदेश की खराब सड़कें इसकी एक बड़ी वजह है । ऐसे में चिकित्सा और सड़क परिवहन मंत्री दोनों सदन में बैठे हैं, ये तय करके बता दें कि किसका विभाग नवजातों की मौतों का उत्तरदायी है । डूडी ने कहा कि इन दोनों विभागों का बंटाधार हो चुका है । प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था पूर्णतया धराशायी हो गई है ।  नेता प्रतिपक्ष ने 52 सवालों के ‘ ब्लैक बॉक्स ‘ की चर्चा करते हुए कहा कि ये सवाल उन्होंने सरकार के चार साल पूरे होने पर पूछे थे जिनका मुख्यमंत्री ने जवाब नहीं दिया लेकिन आज मुख्यमंत्री सदन में इसका जवाब दे । डूडी ने कहा कि ये सवाल जनहित से जुड़े हैं और सरकार को इनका जवाब देना चाहिए ।
डूडी ने कहा कि प्रदेश में ओडीएफ, स्मार्ट सिटी जैसी योजनाएं सिर्फ कागजों में सफल है, धरातल पर सच्चाई कुछ और है ।  उन्होंने कहा कि द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की नीति साफ नहीं है । यह प्रोजेक्ट दिशा से भटक गया है । प्रदेश में अवैध बजरी खनन, बदहाल कानून व्यवस्था, महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर भी डूडी ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया । डूडी ने कहा कि उपचुनाव में प्रदेश की जनता ने इनके कुशासन को नकार दिया है। डूडी ने मौजूदा सरकार को प्रदेश के लोकतांत्रिक इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक दुर्घटना की संज्ञा भी दी ।
-सिर्फ कागजों में नावें चलाई
 डूडी ने रिफाइनरी को चार साल तक रोक कर रखने और उसका दुबारा शिलान्यास कराने पर सरकार को आड़े हाथ लिया । डूडी ने कहा कि मुख्यमंत्री की गलत नीतियों के कारण प्रदेश बीमारू श्रेणी में आ गया है । प्रदेश की विकास अवरूद्ध हो गया है और जनकल्याण योजनाएं रूक गई हैं । सरकार जयपुर मेट्रो रेल, वागड़ रेल प्रोजेक्ट, परवन सिंचाई परियोजना, इंदिरा गांधी नहर परियोजना किसी के प्रति गंभीर नहीं है । चार साल तक डीपीआर बनाने के अलावा सरकार ने कोई कार्य नहीं किया, जो काम वर्ष 2014 में शुरू करने थे उनकी याद अब आ रही है क्योंकि इन्हें धरातल पर कुछ नहीं करना है सिर्फ कागजों में नावें चलानी है ।

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