जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में पूरी दुनिया में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। राज्य सरकार समाज के वंचित, असहाय, निराश्रित सहित अन्य सभी जरूरतमंद वर्गाें की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ प्रयास कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी बजट एवं अन्य घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करें।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर पात्र व्यक्ति तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए इनके नियम और प्रक्रियाओं का और अधिक सरलीकरण किया जाए। साथ ही आवेदन से लेकर लाभ प्रदान करने तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन सम्पादित किया जाए। ताकि लोगों को योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द और पूरी पारदर्शिता के साथ मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने कोरोना वैश्विक महामारी के पीड़ित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत राहत पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर पात्र पीड़ित परिवार तक इसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने अनाथ बालक-बालिका, विधवा महिला एवं विधवा महिला के बालक-बालिका के लिए एक बेहतर कोरोना राहत पैकेज की घोषणा की है। केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार के पैकेज के अनुरूप पीड़ित परिवारों को अधिक सहायता उपलब्ध कराए। अभी तक केन्द्र सरकार की ओर से केवल अनाथ बच्चों के लिए ही सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। यह सहायता भी 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मिलती है। ऎसे में पीड़ित परिवारों को संकट की इस घड़ी में तात्कालिक रूप से यथोचित सहायता नहीं मिल पा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी पेंशन योजनाओं में केन्द्र सरकार की ओर से 1 अक्टूबर, 2012 से सीलिंग निर्धारित की हुई है। इसके कारण लाखों लाभार्थियों को राज्य सरकार द्वारा अपने कोष से पेंशन का भुगतान करना पड़ रहा है। साथ ही, केन्द्र की ओर से दी जाने वाली पेंशन राशि भी काफी कम है। केन्द्र सरकार इन योजनाओं में करीब 325 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष वहन कर रही है, जबकि राज्य सरकार प्रतिवर्ष करीब 970 करोड़ रूपए वहन कर रही है। गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार इन योजनाओं में पात्र सभी लाभार्थियों की पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करे। साथ ही, केन्द्र पेंशन की राशि भी बढ़ाये। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र सरकार को पहले पत्र लिखकर आग्रह किया गया था। शीघ्र ही इस संबंध में फिर पत्र लिखकर राज्य की मांग से अवगत कराया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्ध घुमन्तु समुदाय के उत्थान के लिए डिनोटिफाइिड ट्राइब पॉलिसी लाने, 50 करोड़ रूपये के विकास कोष की स्थापना तथा डीएनटी रिसर्च एण्ड प्रिजर्वेशन सेन्टर बनाने की घोषणा की है। विकास कोष का गठन किया जा चुका है। अब विभाग जल्द से जल्द पॉलिसी लाने के साथ ही रिसर्च सेन्टर बनाने के काम को गति दे। उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं केे पूरा होने से विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्ध घुमन्तु समुदाय के विद्यार्थियों एवं युवाओें को रोजगार तथा शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही इन समुदायों की पारम्परिक कलाओं और संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन भी हो सकेगा।

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