जयपुर। अनुशासहीनता को लेकर भाजपा अनुशासन समिति की ओर से दिए गए नोटिस पर राजस्थान के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने जवाब भेज दिया है। समिति के गणेशीलाल को भेजे गए नोटिस में तिवाड़ी ने करारा पलटवार करते हुए लिखा है कि वे राजस्थान में सत्तारुढ़ भ्रष्ट और निकृष्ठ के सामने यहां का कार्यकर्ता ना झुका है और ना ही झुकेगा, बल्कि राजस्थान में एक नया इतिहास रचेगा। इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2015 पर मेरे पर जानलेवा हमले और 6 मई 2017 को आपके द्वारा भेजे गए अनुशासनहीनता के प्रशस्ति पत्र से हो गई है। अनुशासन के नाम पर कार्यकर्ताओं के दुशासन बनने व राजस्थान की जनता का चीरहरण करने के लिए कहेंगे तो यहां का कार्यकर्ता और जनता इसके लिए तैयार नहीं है। राजस्थान की रक्षा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र बनकर खडे होंगे। तिवाड़ी ने हमला करते हुए कहा कि आपका नोटिस मुझे नहीं, बल्कि पार्टी के हर निष्ठावान कार्यकर्ता को मिला है। जिसका प्रदेश के भ्रष्ट व सामंतवादी नेतृत्व द्वारा दमन किया जा रहा है। इस नेतृत्व से जनता व कार्यकर्ता परेशान है। वह इससे छुटकारा चाहता है। आरएसएस के सभी संगठन इस नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं। जनता सड़कों पर रहती है। फिर भी जनता व कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है।
– प्रश्नों का यह जवाब दिया तिवाड़ी ने
नोटिस में चार प्रश्न तिवाड़ी से करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। पार्टी की बैठकों व कार्यक्रमों में नहीं आने के प्रश्न पर तिवाड़ी ने कहा कि इनमें मेरी जान को खतरा है। भाजपा प्रशिक्षण शिविर पर जानलेवा हमला हो चुका है। पांच बार हमले हो चुके हैं। मेरी सुरक्षा तक सरकार ने हटा ली। मुख्यमंत्री के गुर्गों द्वारा बदसूलकी की गई। मुख्यमंत्री के एक नजदीकी नेता ने बाहरी गुण्डों को बुलाकर मुझ पर हमले की साजिश रची है। इस बारे में लिखित शिकायत तक की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। ऐसे में वहां जाना सुरक्षा दृष्टि से उचित नहीं है। हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिन बैठकों में गया, वहां मेरा अपमान किया। एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री ने दबाव बनाकर मुझे पार्टी के केन्द्र और प्रदेश के सभी दायित्वों से एक-एक कर हटवा दिया। क्या इस मुख्यमंत्री को आपने पार्टी गिरवी रख दी है? पार्टी स्थापना के समय से ही सभी राष्ट्रीय परिषदों का सदस्य रहा था। प्रदेश में प्रमुख दायित्व रहा है। लेकिन अब पार्टी नेतृत्व पार्टी निष्ठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार करके चापलूसों का दरबार और माफियाओं का अड्डा बनती जा रही है। जो दोषी है, उन पर कार्रवाई के बजाय संघ व पार्टी निष्ठ कार्यकर्ताओं का दमन किया जा रहा है। आपने भी नोटिस भेजने से पहले मुझे बुलाकर पूछ लेते कि क्या समस्या है?, मैं सब वर्णन कर देता। बिना बात सीधे नोटिस देकर सफाई मोंगना और सार्वजनिक तौर पर मीडिया में प्रचारित करना पूर्वाग्रह से ग्रसित लगता है। इससे स्पष्ट है कि यह सब काम उनके लिए किया जा रहा है, जो भ्रष्ट है। अभी पार्टी बैठकों में नहीं जाने के सवाल का जवाब भेजा है। बाकी सवालों का जवाब आगे दिया जाएगा। तिवाड़ी ने नोटिस में यह भी लिखा है कि मैं इस पत्र को सार्वजनिक नहीं करता, लेकिन आपने मुझे भेजा पत्र पहले ही सार्वजनिक करके भेजा है तो मैंने भी इसे मीडिया में सार्वजनिक किया है। उधर, इस जवाब के बाद प्रदेश नेतृत्व, मुख्यमंत्री और घनश्याम तिवाड़ी के बीच विवाद अब थमने के बजाय बढ़ता दिख रहा है। नोटिस के जवाब से साफ है कि तिवाड़ी भी चुप बैठने वाले नहीं है और आर-पार की लड़ाई के मूड में है। जवाब में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पर जानलेवा हमले की साजिश में लिप्त होने और दायित्वों से मुक्त करने का जिम्मेदार ठहराकर संकेत दे दिए हैं कि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ चुप बैठने वाले नहीं है। भविष्य में राजनीतिक रण भीषण होने वाला है।

LEAVE A REPLY