– भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना हत्याकांड में गिरफ्तार गैंगस्टर कुलदीप को जयपुर पुलिस टीम सरकारी बस से भरतपुर ले जा रही थी
जयपुर। राजस्थान के भरतपुर में गैंगस्टर कुलदीप जघीना की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हमला तब हुआ जब पुलिस उसे जयपुर जेल से भरतपुर कोर्ट लेकर जा रही थी। बदमाशों ने हमले के दौरान पुलिस की आंखों में मिर्च झोंक दी और फायरिंग शुरू कर दी। कुलदीप की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कुलदीप को कई गोलियां लगी हैं। गैंगस्टर कुलदीप को भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के अनुसार जयपुर पुलिस की टीम बुधवार को गैंगस्टर कुलदीप सिंह जघीना व उसके साथी विजयपाल को सरकारी बस से भरतपुर ले जा रही थी। दोपहर करीब 12 बजे भरतपुर के अमोली टोल प्लाजा के पास दो बदमाश बस में चढ़े। बदमाशों ने पहले पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्ची फेंकी और फिर जघीना पर फायरिंग कर दी। बदमाशों ने करीब 15 राउंड फायरिंग की। इस दौरान गोली लगने से जघीना की मौके पर ही मौत हो गई। विजयपाल घायल है। दो यात्रियों को भी गोली लगी है। पुलिस की टीम ने गैंगस्टर जघीना के शव को अस्पताल पहुंचाया। घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है। एसपी मृदुल कच्छावा के अनुसार चालानी गार्ड इन्हें लेकर आ रहे थे। टोल के फुटेज पुलिस ने बरामद कर आरोपितों की पहचान कर ली है। बदमाशों की गाड़ी बरामद कर ली है। विजयपाल की हालत नाजुक है। गौरतलब है कि भरतपुर में 10 महीने पहले 4 सितम्बर, 2022 को भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना की हत्या की गई थी। बदमाश 3 बाइक और 2 कारों में सवार होकर आए थे। मामले में महाराष्ट्र की कोल्हापुर पुलिस के सहयोग से भरतपुर पुलिस ने गोवा पहुंचने से कुछ घंटे पहले कुलदीप सिंह जघीना समेत 5 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में गैंगस्टर कुलदीप सिंह उर्फ गौरु पुत्र कुंवर जीत (28), प्रभाव सिंह उर्फ भोला पुत्र महावीर सिंह (22) एवं राहुल जाट पुत्र परमवीर सिंह (28) निवासी जघीना थाना उद्योग नगर, विश्वेंद्र सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह (28) निवासी गांव पाली थाना हलेना हाल शास्त्री नगर थाना मथुरा गेट और विजय पाल सिंह उर्फ भूरा पुत्र वीरेंद्र सिंह (28) निवासी नगला खंगर उवार थाना उद्योग नगर शामिल थे।
मामले के अनुसार भरतपुर शहर में काली बगीची शीशम रोड पर स्थित बड़े भूखंड पर विवाद चल रहा था। इस भूखंड का सेटलमेंट कर जमीन से जुड़े सभी लोगों को निकालकर कुलदीप सिंह जघीना करोड़ों का सौदा करना चाहता था। कृपाल सिंह और उसके साथियों ने इस जमीन पर न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया था, जिसे लेकर दोनों में ठनी हुई थी। इस बात को लेकर कुलदीप और उसके साथियों ने कृपाल की गाड़ी को रोककर उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी।
– भरतपुर हत्याकांड में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध: सीपी जोशी
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भरतपुर में भाजपा के मंडल अध्यक्ष की हत्या के आरोपित की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या के मामले को संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा कि आमजन में विश्वास और अपराधियों में डर के पुलिस स्लोगन का प्रदेश में कोई अर्थ रहा नहीं है। प्रदेश के मौजूदा हालातों में आमजन में डर है और अपराधियों में विश्वास पैदा हुआ है। इस तरह के गंभीर अपराध किसी आका की सरपरस्ती के बिना नहीं पनप सकता। भरतपुर के मर्डर कांड में पुलिस की भूमिका भी पूरी तरह संदिग्ध बनी हुई है। जिसमें मर्डर क्यों हुआ, किसका हुआ, मृतक कहां जा रहा था, क्या वह गवाही देने वाला था। स्वाभाविक है, कि गवाही में किसी बड़े आदमी का नाम सामने आने वाला था। तो क्या इसी वजह से उसकी आवाज बंद कर दी गई। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि हो सकता है यह मर्डर किसी सोची समझी रणनीति के तहत किया गया हो। मर्डर का आरोपी केवल ट्रिगर दबाने वाला था, उसका आका कोई और था। मुख्य आरोपित का नाम भाजपा मंडल अध्यक्ष की हत्या में ना आए इसलिए आज यह हत्या हुई है। जोशी ने कहा कि यह कोई बड़ा षडयंत्र हो सकता है। प्रदेश का गृहमंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री गहलोत को सोचना चाहिए कि उनकी सरकार के संरक्षण में किस प्रकार से राजस्थान में अपराध पनप रहा है। इस तरह की घटनाओं में कहीं न कही राजनीति और अपराध का गठजोड साफ दिखाई देता है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने भरतपुर हत्याकांड पर कहा कि प्रदेश में ना कानून है, ना ही प्रशासनिक व्यवस्था है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साढे 4 वर्ष तक राजस्थान को पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं दिया पुलिस की लापरवाही और पुलिस के टूटते इकबाल से भरतपुर की घटना घटित हुई है। राष्ट्रीय प्रवक्ता एंव सांसद राज्यवर्धन राठौड ने कहा कि भरतपुर में भाजपा मंडल अध्यक्ष की हत्या के मुख्य आरोपित की पुलिस कस्टडी में इस तरह हत्या होना, गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल खडा करता है। राठौड ने कहा कि किसके ईशारे पर, और किसको बचाने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इस हत्याकांड में पुलिस की कार्यशैली पूरी तरह संदेहास्पद और सवालों के घेरेे में है।





























