जयपुर। राजस्थान के जयपुर शहर में छह जून तड़के चार बजे चौमू हाउस सर्किल पर ओवरलोड ट्रोले के पलटने से कार सवार पांच लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद हर कोई ट्रक चालक को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उसे गिरफ्तार भी कर लिया। हालांकि जनप्रहरी एक्सप्रेस की नजर में ट्रक चालक तो जिम्मेदार है, साथ ही इस ट्रक का मालिक भी उतना ही दोषी है, जिसने 27 टन की क्षमता होने के बावजूद 47 टन माल भर लिया। ओवरलोड होने के चलते चौमू हाउस सर्किल पर ट्रोला असंतुलित होकर पलट गया। जयपुर के पांच नवयुवक व युवती असमय ही काल के ग्रास बन गए। ट्रक चालक व मालिक के अलावा जहां से नमक के कट्टे भरकर आए, वह फैक्ट्री मालिक, उसके कर्मचारी और वह ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्ताधर्ता-कर्मी भी उतने ही दोषी है, जो जानते बुझते हुए गैर कानूनी तरीके ट्रक में क्षमता से डेढ़ गुणा तक माल भरवाया। जहां से ओवरलोड ट्रक गुजरा, वहां के आरटीओ व थाना क्षेत्र भी इस हादसे के जिम्मेदार है। इस हादसे को लेकर जनप्रहरी एक्सप्रेस ने एडवोकेट वीरेन्द्र सिंह बात की तो उन्होंने निम्न को जिम्मेदार ठहराया, साथ ही पुलिस, आरटीओ के अलावा इन पर भी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि ऐसे ह्दय विदारक हादसों को रोका जा सके।

– नावां नागौर की नमक फैक्ट्ररी के मालिक, प्रबंधक, जिन्होंने क्षमता से अधिक नमक के कट्टे भरवाए।
– ओवरलोडेड ट्रोले की ट्रांसपोर्ट कम्पनी, जिसने नमक के कट्टों की बिल्टी जारी की। 27 टन क्षमता वाले ट्रोले में 47 टन नमक लदवा दिया। माल की बिल्टी आगरा की बनाकर जयपुर भेज दी गई।
– टोल नाके व धर्मकांटे भी दोषी है, नावां से जयपुर के बीच कई ट्रोले नाकों से ओवरलोड ट्रोला गुजरा। लेकिन किसी ने भी इसकी सूचना पुलिस-आरटीओ को नहीं दी और ना ही इस ओवरलोड वाहन को रोका। धर्म कांटे पर भी पैसे लेकर कम क्षमता की पर्ची काट दी।
– पुलिस थाना-आरटीओ सबसे ज्यादा दोषी है। नावां से जयपुर के बीच आरटीओ व पुलिस के कई नाके आए। ट्रोले में रखे माल को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता था कि क्षमता से दुगुना भरा था, लेकिन किसी ने भी इसे रोका नहीं और ना ही चालान काटने की जहमत उठाई। ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाए।

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