Central motor vehicle act
-संशोधित केन्द्रीय मोटर व्हीकल एक्ट में अत्यधिक बढ़ी जुर्माना राशि के मामले में परिवहन मंत्री ने की प्रेस वार्ता
जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि 1 सितम्बर से राज्य में लागू हुए संशोधित केन्द्रीय मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार परिवहन नियमों का उल्लंघन करने पर लगनी वाली भारी कम्पाउण्डिंग राशि में व्यावहारिक राहत देने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए सोमवार को विभाग के अधिकारियोंं की बैठक बुलाकर राज्य सरकार की शक्तियों के अनुसार आमआदमी को राहत दिए जाने की संभावनाओं के आधार पर निर्णय किया जाएगा।
 खाचरियावास रविवार को सिविल लाइंस स्थित अपने राजकीय निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में संवाददाआतों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का भी मकसद है कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगे और अमूल्य मानव जीवन बचाए जा सकें। इसके लिए वे कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे लेकिन जुर्माना राशि अधिक होने से जांच एजेंसी या पुलिसकर्मी को देखते ही वाहन चालक के दहशत में गलती करने और दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
खाचरियावास ने कहा कि आज मोटर साइकिल जन साधारण का आम परिवहन साधन है और उस पर इतना अधिक जुर्माना वसूल किया जाना व्यावहारिक नहीं है कहीं-कहीं तो यह जुर्माना वाहन की कीमत से भी अधिक हो रहा है। ई-रिक्शा चलाने वाले गरीब व्यक्ति के पास 30 हजार रुपए बीमा के लिए जुटाना एक बड़ी चुनौती है। इसी तरह एक पुरानी चौपहिया गाड़ी भी 20 हजार रूपए तक में आ जाती है ऎसे में आम आदमी को बड़ी जुर्माना राशि के कारण परेशानी का सामना करना पडे़गा। अच्छा तो यही है कि किसी भी परिवहन, कानून का उल्लंघन न किया जाए लेकिन इस विषय में व्यावहारिकता अपनाए जाने की जरूरत है। आर्थिक मंदी के दौर में ऎसे प्रावधान बहुत जरूरी नहीं थे।
उन्होंंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर केन्द्र सरकार के किसी भी तरह का टकराव नहीं है। बल्कि राज्य और केन्द्र के अच्छे और व्यावहारिक सुझावों का आदान-प्रदान करने से ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक संभव है।
पंचायत स्तर पर वाहन ड्राइविंग लाइसेेस की संभावना पर विचार
परिवहन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया सरल करने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के दायरे में पंचायत समिति स्तर पर ड्राईविंग लाइसेंस निर्माण की संभावना पर विचार किया जा सकता है।
रोडवेज में तीन साल की ऑडिट
परिवहन मंत्रीं श्री खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान पथ परिवहन निगम के लेखों की पिछले तीन वर्ष की ऑडिट की जाएगी। रोडवेज में शून्य भ्रष्टाचार की पॉलिसी पर काम किया जाएगा और किसी दोषी अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। श्री खाचरियावास ने बताया कि राज्य सरकार रोडवेज की हालत में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। करीब साढे 11 सौ नई बसों की खरीद की योजना पर काम किया जा रहा है। रोडवेज बस स्टेण्ड के नए टर्मिनल का जल्द ही लोकार्पण कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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