– लंग कैंसर पर नेशनल कांफ्रेंस शुरू, एक्सपर्ट्स ने कहा बायोमार्कर जांच से सौ फीसदी सटीक परिणाम
जयपुर। देश में तेजी से फैल रहे लंग कैंसर में सबसे सटीक और अत्याधुनिक तकनीक इम्यूनोथैरेपी उभर कर आई है। इंजेक्शन के जरिए उपचार की यह तकनीक कीमो थैरेपी से ज्यादा बेहतर और असरकारक है। साथ ही लंग कैंसर की जांच में टिश्यू से किया जाने वाला बायोमार्कर परीक्षण भी शत प्रतिशत नतीजे दे सकता है।
लंग कैंसर को लेकर जयपुर में शनिवार से शुरू हुई दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस में देश-विदेश से आए एक्सपर्ट्स ने इस खतरनाक बीमारी से बचाव और इलाज पर मंथन के दौरान यह जानकारी दी। एसएमएस अस्पताल के रेस्पाइरेटरी डिजीज इंस्टीट्यूट और मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से यह कांफ्रेंस होटल आईटीसी राजपूताना में आयोजित की गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि कैंसर के प्रति अभी भी जागरुकता का अभाव है, इस कारण बहुत देर बाद इस बीमारी का पता चल पाता है। यदि शुरुआती अवस्था में ही इसकी जांच हो जाए तो कैंसर का इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि इस कांफ्रेस में लंग कैंसर के सस्ते और अच्छे इलाज के लिए आने वाले सुझावों को राज्य सरकार प्राथमिकता से लागू करेगी। कार्यक्रम में सांसद रामचरण बोहरा, राज्य वित्त आयोग की चेयरपर्सन ज्योति किरण, धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत भी अतिथि के रूप में मौजूद रहे। आयोजन सचिव डॉ. नरेन्द्र खिप्पल ने कांफ्रेस की जानकारी दी और बताया कि एसएमएस अस्पताल का श्वसन रोग संस्थान देश में अकेला ऐसा अस्पताल है, जिसमें हर साल सर्वाधिक मरीजों का लंग कैंसर का इलाज होता है। कांफ्रेंस के पहले दिन सात तकनीक सत्र आयोजित किए गए। कांफ्रेंस में विशाखापट्टनम के होमी भाभा कैंसर हॉस्पीटल के डायरेक्टर डॉ. रघुनाध राव ने मुख्य व्याख्यान देते हुए कैंसर की 21वीं सदी तक की यात्रा व नवीन प्रयोगों की जानकारी दी। आयोजन प्रमुख डॉ. संदीप जसूजा ने आभार प्रकट किया।
-लंग कैंसर में रोज एक गोली ही काफी
इस दौरान इंडियन सोसायटी फोर स्टडी ऑफ लंग कैंसर के सचिव डॉ. नवनीत सिंह ने बताया कि लंग कैंसर के इलाज में अभी पांच तरह की थैरेपी काम में ली जा रही है। सर्जरी, रेडिएशन, कीमो, टारगेट व इम्यूनोथैरेपी हैं। इनमें टारगेट थैरेपी उन मरीजों के लिए ज्यादा लाभप्रद है जो महंगा इलाज नहीं करा पाते और अंतिम स्टेज में रहकर भी उमंगभरा जीवन जी सकते हैं। इसमें मात्र एक गोली रोज लेकर मरीज कैंसर से लड़ सकता है।
-इम्यूनोथैरेपी महंगा मगर सटीक उपचार
कांफ्रेंस में आए लंग कैंसर एक्सपर्ट ने बताया कि इम्यूनोथैरेपी बिल्कुल नई तकनीक है। इसमें कैंसर रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इस तकनीक का इलाज महंगा है, मगर कारगर ज्यादा है। इंजेक्शन के जरिए इसकी दो हफ्ते में डोज दी जाती है। एक डोज सवा से डेढ़ लाख रूपए की पड़ती है। इसका साइड इफेक्ट नहीं है और कीमो की भी जरूरत नहीं होती। रोहतक के डॉ. के.बी. गुप्ता ने एक सत्र में लंग कैंसर की जल्दी जांच कैसे हो सकती है, इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रोंकोस्कॉपी तकनीक व बलगम की जांच से लंग कैंसर शुरुआती अवस्था में पकड़ में आ सकता है। चंडीगढ़ के डॉ. नवनीत सिंह ने कैंसर की गांठ का टिश्यू की बायोमार्कर स्टडी जांच के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से कैंसर के विभिन्न प्रकारों का तुरंत तथा 100 प्रतिशत सही पता लगाया जा सकता है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉ. के.टी. भौमिया ने कैंसर के इलाज में रेडियोथैरेपी के महत्व के बारे में जानकारी दी। दिल्ली के डॉ. अनीश मारू ने कैंसर के इलाज में नई दवाईयों के बारे में जानकारी दी।

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