नई दिल्ली। ट्रिपल तलाक को मुस्लिम महिलाएं के खिलाफ बताते हुए इस पर रोक लगाने और मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार की जोरदार वकालत से देश की मुस्लिम महिलाओं को बड़ा संबल मिला। इस संबल का नतीजा यूपी चुनाव में देखने को भी मिला, जहां मुस्लिम बहुल सीटों पर भाजपा के पक्ष में भारी मतदान हुआ और वहां से भाजपा प्रत्याशी हजारों वोटों से जीते भी। यह सब हुआ मुस्लिम महिलाओं के वोटों के चलते। भले ही पुरुषों ने भाजपा को वोट देने से किनारा कर लिया था, लेकिन अंदरखाने मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा को खूब वोट डाले। मुस्लिम महिलाओं ने ये वोट इसलिए डाले कि पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने उनसे जुड़ी ट्रिपल तलाक और बराबरी का हक नहीं मिलने की पीड़ा को समझा, बल्कि उन्हें भी हक दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जोरदार वकालत की। वहीं महिलाओं को बराबर का हक दिलाने के लिए कानून में संशोधन भी करने जा रही है। ट्रिपल तलाक से परेशान मुस्लिम समाज की महिलाओं ने केेन्द्र सरकार की इस पहल पर भरोसा जताते हुए भाजपा को यूपी चुनाव में खूब वोट डाले। उधर, मुस्लिम वेलफेयर मंच ने कहा कि मुस्लिम समाज को भाजपा और आरएसएस से किसी तरह का डर नहीं है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला शाखा मुस्लिम वेलफेयर मंच ने पीएम मोदी ने ट्रिपल तलाक से प्रताडि़त मुस्लिम महिलाओं को बड़ा संबल दिया है।
मुस्लिम वेलफेयर मंच की प्रमुख शहनाज अफ जाल ने मुस्लिम महिलाओं के सम्मेलन में कहा, मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक से परेशान हैं। यूपी में तो मुस्लिम महिलाओं का बहुत बुरा हाल है। खासकर ट्रिपल तलाक के चलते उन्हें घोर अन्याय और प्रताडऩा झेलनी पड़ती है। इससे मुक्ति के लिए मुस्लिम महिलाओं ने यूपी चुनाव में भाजपा को अंदरखाने समर्थन किया।

 

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