जयपुर। सम्पूर्ण कर्जामाफी और किसान नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर किसान जयपुर बीकानेर राजमार्ग पर सीकर के पास रामूका बास पर हजारों किसानों ने महापड़ाव डाल दिया है। वहीं किसानों के इस महापड़ाव और मांगों को लेकर राजस्थान विधानसभा में भी मामला गूंजा। निर्दलीय विधायक राजकुमार शर्मा, कांग्रेस विधायकAû श्रवण कुमार ने प्रश्नकाल के बाद किसानों के महापड़ाव का मामला उठाते हुए आरोप लगाए कि सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। सम्पूर्ण कर्जमाफी के बजाय पचास हजार रुपए का लॉलीपोप दिया गया है, वो भी सभी किसानों के लिए लागू नहीं है। किसान और प्रशासन आमने-सामने है। कोई भी बड़ी घटना हो सकती है। महापड़ाव से यातायात बाधित है। लोग आ नहीं पा रहे हैं। खाटूश्यामजी के मंदिर तक लोग जा नहीं पा रहे हैं। पदयात्री परेशान है। महापड़ाव और किसानों की कर्जमाफी को लेकर राजकुमार शर्मा व कांग्रेस सदस्य वैल में आ गए और हंगामा करने लगे।

सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने बीस लाख किसानों को फायदा दिया है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कांग्रेस ने कभी भी ध्यान नहीं दिया। किसान आंदोलन भी कॉमरेड कर रहे हैं। कांग्रेस कॉमरेड के कंधों पर सिर्फ सदन में हंगामा कर रही है। कांग्रेस ने एक भी गांव व ढाणी में किसान आंदोलन में भाग नहीं लिया। अब आंदोलन को हाइजेक करने के लिए सिर्फ सदन में हंगामा करने में लगी है। हंगामा शांत नहीं हुआ तो अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने आधे घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। आधे घंटे के बाद सदन शुरु हुआ तो कांग्रेस सदस्य व निर्दलीय विधायक राजकुमार शर्मा किसान कर्जमाफी, महापड़ाव को लेकर हंगामा करने लगे। वे फिर वैल में आ गए तो उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने कार्यवाही स्थगित कर दी। हंगामे के दौरान गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को प्रदर्शन का अधिकार है। किसान अपनी मांगों को लेकर महापड़ाव डाल रहे हैं। अगर उन्होंने कानून हाथ में लिया तो कानून अपना काम करेगा।

कांग्रेस सदस्य श्रवण कुमार ने प्रदेश में पोपा बाई का राज होने की कहते हुए आरोप लगाया कि यह सरकार किसान विरोधी है। किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। महापड़ाव पर है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। ामुख्य सचेतक राजेन्द्र राठौड ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ हंगामा और बयानबाजी कर रहा है। अगर वे किसानों के हितैषी हैं तो शुक्रवार को स्थगन प्रस्ताव पर क्यों नहीं किसानों के मुद्दे बोले। आज क्यों हंगामा कर रहे हैं। वे सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। उन्हें किसानों की मांग को लेकर कभी गंभीर नहीं है।

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