जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मेरे विधायक दल की बैठक में न जाने का कारण मुझसे बेहतर  मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी बता सकते हैं। मैं यदि उनका खुलासा करूंगा तो इनके पदों पर रहने का नैतिक दायित्व खत्म हो जायेगा। विधायक दल को लेकर पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा विधायक दल ने एक प्रस्ताव पास कर केंद्रीय संसदीय दल के विधान को अंगीकार किया हुआ है। उस विधान के अनुसार विधायक दल का गठन नहीं हुआ और न ही उसकी कार्यकारिणी बनी। उन्होंने आगे कहा कि इसकी एक भी बैठक नहीं हुई. इसलिये इसे विधायक दल की बैठक कहने के बजाये विधायकों का एकत्रीकरण कहना ठीक होगा। घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि श्प्रतिमाह विधायकों के वेतन में से रूपये वसूल किये जाते हैं परंतु विधायक दल में 13 सालों में आज तक इसका कोई हिसाब पेश नहीं किया गया। न ही किसी प्रकार की जानकारी आज तक विधायकों को इस संबंध में उपलब्ध कराई गई है। घनश्याम तिवाड़ी विधानसभा में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।

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