Yamuna-river-water-sharing-case

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस मामले में आरोपी विधायक पुत्र सिद्धार्थ महरिया व अन्य की पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने एडीजे क्रम 15 अदालत को निर्देश दिए हैं कि वह एक माह में लंबित रिवीजन याचिकाओं का निस्तारण करें। अदालत ने कहा कि रिवीजन याचिकाएं तय करने के बाद अदालत जल्द ही लंबित मूल मामले का भी निस्तारण करें। न्यायाधीश के एस अहलूवालिया की एकलपीठ ने यह आदेश सिद्धार्थ महरिया व अन्य की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अदालत का काम न्याय देना और सत्य तक पहुंचना होता है।

याचिकाओं में निचली अदालत में लंबित रिवीजन अर्जियों को किसी अन्य अदालत में ट्रांसफर करने की गुहार की गई थी।मामले के अनुसार सिद्धार्थ महरिया व अन्य ने प्रकरण को लेकर कुछ रिवीजन याचिकाए निचली अदालत में पेश की थी। इन याचिकाओं पर एडीजे क्रम -15 अदालत सुनवाई कर रही है। वहीं मूल प्रकरण की सुनवाई भी इसी अदालत के पास है।

महरिया व अन्य की ओर से गत दिनों निचली अदालत में प्रार्थना पत्र दायर कर पीठासीन अधिकारी के खिलाफ आरोप लगाए थे। वहीं हाईकोर्ट के सतर्कता रजिस्ट्रार को शिकायत भेजकर भी पीठासीन अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा था। हाईकोर्ट की ओर से गत दिनों सख्ती दिखाने पर महरिया ने अदालत से माफी भी मांगी थी। गौरतलब है कि 1 जुलाई 2016 की देर रात महरिया की बीएमडब्लू कार और एक ऑटो रिक्शा कि सी स्कीम इलाके में टक्कर हुई थी। जिसमे तीन लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने महरिया को आरोपी बनाते हुए अदालत में आरोप पत्र पेश किया था। वहीं महरिया का कहना था कि उनके पिता निर्दलीय विधायक है और सरकार विरोधी पक्ष रखने के चलते उसे प्रकरण में फंसाया जा रहा है।

 

LEAVE A REPLY