Bofors case: CBI to consider spy Harshman's claims

नयी दिल्ली। सीबीआई ने आज कहा कि वह निजी जासूस माइकल हर्शमैन के दावों के अनुरूप बोफोर्स घोटाले के ‘‘तथ्यों एवं परिस्थितियों’’ पर विचार करेगी । हर्शमैन ने आरोप लगाया है कि दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने उसकी जांच में रोड़े अटकाए थे । अमेरिका स्थित निजी जासूसी एजेंसी ‘फेयरफैक्स’ के अध्यक्ष हर्शमैन ने हाल में टीवी चैनलों को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि राजीव गांधी को जब स्विस बैंक खाते ‘मोंट ब्लैंक’ के बारे में पता चला था तो वह काफी ‘‘गुस्से में थे ।’’ निजी जासूसों के एक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए पिछले हफ्ते यहां आए हर्शमैन ने यह आरोप भी लगाया था कि बोफोर्स तोप स्कैंडल के रिश्वत का पैसा स्विस खाते में रखा गया था ।

सीबीआई के सूचना अधिकारी एवं प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने एक बयान में कहा, ‘‘एजेंसी को बोफोर्स से जुड़े मामले के बारे में कुछ टीवी चैनलों पर माइकल हर्शमैन के इंटरव्यू से पता चला ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंटरव्यू में जिन तथ्यों एवं परिस्थितियों का जिक्र किया गया है, सीबीआई उचित प्रक्रिया के तहत उन पर विचार करेगी ।’’ टीवी चैनलों ने हर्शमैन के हवाले से बताया था कि राजीव गांधी को जब ‘‘हमारे काम के बारे में पता चला’’ तो वह बहुत निराश हुए । इसके बाद उन्होंने एक न्यायिक आयोग का गठन किया ताकि तत्कालीन वित्त मंत्री वी पी सिंह की ओर से ‘फेयरफैक्स’ की सेवाएं लेने की परिस्थतियों की जांच की जा सके । अपने इंटरव्यू में हर्शमैन ने 64 करोड़ रुपए के बोफोर्स कमीशनखोरी स्कैंडल पर भारतीय एजेंसियों की मदद करने और गवाही देने की इच्छा जाहिर की, लेकिन यह भी कहा कि यह प्रयास भरोसेमंद होना चाहिए ।

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