नई दिल्ली। बेनामी संपत्ति के आरोपों में घिरे लालू प्रसाद यादव के पुत्र व बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफा नहीं देने की सूरत में खुद ही सीएम पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया।

बाद में भाजपा से हाथ मिलाते हुए सरकार बनाने का दावा पेश कर बुधवार को शपथ भी ले ली। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी को राजद विधान मंडल दल का नेता घोषित किया तो देर रात खुद तेजस्वी यादव ने एक टवीट कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

-देर रात हुई बैठक
पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर राजद विधान मंडल दल की देर रात बैठक हुई। जिसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा कि राज्यपाल को विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के नाते राजद को मौका मिलना चाहिए। इसी के चलते डिप्टी सीएम तेजस्वी ने टवीट कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। टवीट में उन्होंने लिखा कि सबसे बड़ा दल होने के कारण राजद को सरकार बनाने का अवसर मिलना चाहिए। बता दें विधानसभा में राजद ही सबसे बड़ी पार्टी है।

-गलत तरीके से अर्जित की संपत्ति
इधर इस्तीफा देने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया के समक्ष कहा कि 20 माह तक हमने सरकार चलाई। गठबंधन धर्म का पालन कर चुनाव के दौरान जिन बातों की चर्चा की उसी के अनुसार जितना संभव हो सका हमनें काम भी किया। अब सिर्फ भ्रष्टाचार पर चर्चा हो रही है, बेनामी संपत्ति की बात हो रही है तो मैं पीछे कैसे हट सकता हूं? गलत तरीके से जो संपत्ति अर्जित की, उसका मैंने विरोध किया है। शुरू से कहता आ रहा हूं कि कफन में जेब नहीं होती है। लेकिन हमारे साथ रहे लोगों की सोची का दायरा अलग है। न कोई नीति न कोई एजेंडा। कुछ है तो वह रिएक्टिव एजेंडा। इसलिए मैंने सोचा कि मेरे जैसे व्यक्ति के लिए सरकार चलाना संभव नहीं है।

-इस्तीफा नहीं मांगा, सफाई देने को कहा
नीतीश ने कहा कि मैंने तेजस्वी से इस्तीफा देने के लिए नहीं बोला था, वरन इस मामले में सफाई देने की बात कही थी। लेकिन वे अपनी जिद पर ही अड़े रहे। अपने स्तर पर मैंने पूरा प्रयास किया कोई तो रास्ता निकले। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आखिर मेरी भी प्रतिबद्धता बिहार के लोगों के साथ ही जुड़ी हुई है।

-नाटक कर रहे हैं नीतीश-लालू
बिहार में महागठबंधन को बिखरते देख राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पूरी तरह बौखलाए ही नजर आए। उन्होंने कहा कि तेजस्वी पर तो भ्रष्टाचार के आरोप है, जबकि खुद नीतीश कुमार तो हत्या के आरोपी हैं। यहां पुत्रमोह की बात नहीं हो रही है यह लड़ाई तो सिद्धांतों की है। महज भाजपा का दामन थामने के लिए नीतीश कुमार ने इस्तीफे का नाटक किया।

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