नई दिल्ली। हैदाराबाद ब्लास्ट केस में सजा-ए-मौत के जुर्म से दंडित इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक आतंकी यासीन भटकल को जेल से छुड़ाने के अंदेशे से उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है। भटकल के तिहाड़ जेल में आने के बाद से ही जेल की सुरक्षा को काफी बढ़ा दिया गया है। इस अंदेशे के पीछे एक प्रमुख कारण यह भी सामने आया कि वर्ष 2015 में यासीन भटकल ने अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी। इस फोन कॉल को एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया। जिसमें यासीन भटकल के दमिष्क और सीरिया में बैठे अपने गुर्गों की मदद लेकर जेल से भागने की बात सामने आई। फोन पर उसने जेल से बाहर निकलने की बात कही थी। इससे आशंका बढ़ गई है कि यासीन को जेल से बाहर निकालने के मामले में उसे आईएसआईएस की मदद मिल सकती है। आतंकवादी यासीन भटकल की पत्नी दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र में रहती है। जेल में रहते हुए यासीन ने उसकी पत्नी को 27 फोन किए। यहीं पर वह अन्य अपराधियों और बदमाशों के संपर्क में आया। उसके यह संपर्क अभी भी बरकरार होने की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि दिसंबर 2016 में हैदराबाद बम धमाकों के मामले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने यासीन भटकल सहित तहसीन अख्तर, जिया-उर्र रहमान, असदुल्लाह अख्तर और ऐजाज शेख को मौत की सजा सुनाई थी। फिलहाल जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार यासीन भटकल को तिहाड़ जेल नंबर एक में ही रखा गया है। उसे फांसी की सजा मिलने के कारण कारावास में अकेले ही रखा गया है। जहां गार्डस की तैनाती के साथ सीसी टीवी से 24 घंटे पैनी नजर रखी जा रही है।

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