Seventh Pay Commission
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जयपुर। प्रदेष की आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, आषा सहयोगिन एवं ग्राम साथिन को नियमित राज्य कर्मचारी बनाने, मानदेय बढोतरी 15000/- प्रतिमाह करने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेष की महिलाएं चैथे दिन भी हडताल पर रही । राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के संस्थापक-संरक्षक छोटेलाल बुनकर प्रदेषाध्यक्ष शषि योगेष्वर ने बताया कि आज जयपुर में निदेषक कार्यालय पर महिलाये द्वारा विरोध प्रदर्षन किया तथा अन्य जिलों में जिला स्तर पर कलक्टर को एवं तहसीलों में उपखण्ड अधिाकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। प्रदेष भर में विरोध प्रदर्षन जारी रहेगा तथा भाजपा विधायकों को ज्ञापन देकर विधानसभा चुनावों में  किया गया वादा जिसमें नियमित राज्य कर्मचारी बनाना, बेहतर मानदेय करना था, याद दिलाया जावेगा ।

न्यायोचित मांगों की मांग करने पर उनका समाधान करना तो दूर महिलाओं पर दमनात्मक कार्यवाही करते हुए मानदेय सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जा रही है। जबकि धरना प्रदर्षन रैली आदि आंदोलन करना प्रजातंत्र में संवैधानिक अधिकार है। मांगे मानी जाने तक आम हडताल जारी रहेगी। पूर्व सरकार की योजनाओं को रोकाः- 100 करोड का कल्याण कोष को रोका गया , बीमारी पर 5000 से लेकर गंभीर बीमारी हार्ट, कैंसर, हृदय रोग पर एक लाख तक की सहायता, आंगनबाडी बच्चों को 650 रूपये से लेकर  उच्च षिक्षा पर एक लाख तक की तत्काल सहायता एवं पेंषन योजना को रोक  दिया गया है। प्रमुख मांगे-नियमित करने मानदेय बढाने, कार्यकर्ताओं से महिला पर्यवेक्षक के रिक्त पदों में से 50 प्रतिषत पद तत्काल भरे जावे। आषा सहयोगिन को ए.एन.एम के समकक्ष मानते हुए चिकित्साकर्मी चिकित्सा सहायक बनाया जावे, ए.एन.एम भर्ती में 20 प्रतिषत पद आषाओं के लिये आरक्षित किये जाये। आषाओं से आषा सुपरवाईजर बनाया जाए। मृतक व मानदेय सेवामुक्त महिलाकर्मियों को उनके मानदेय से काटी गई बीमा राषि का भुगतान कराया जावे।

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