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जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में सेवा नियमों में संशोधन किए. संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 में संशोधन कर रेडियोग्राफर अधीक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए अर्हता को वरिष्ठ रेडियोग्राफर के रूप में 7 वर्ष के अनुभव को संशोधित कर 18 वर्ष की कुल सेवा और वरिष्ठ रेडियोग्राफर के पद पर 3 वर्ष का अनुभव किया गया है। साथ ही, सहायक रेडियोग्राफर से रेडियोग्राफर के पद पर पदोन्नति के लिए अनुभव की सीमा न्यूनतम 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 में एक अन्य संशोधन कर नेत्र सहायक के पद पर योग्यता में सीनियर सैकण्डरी स्तर पर गणित विषय को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है। अब भौतिकी, रसायन विषयों के साथ जीव विज्ञान अथवा गणित विषय वाले अभ्यर्थी इस पद के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम में संशोधन कर वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के 450 पदों को एन-कैडर घोषित करने का निर्णय भी लिया गया।

इससे प्रयोगशाला सहायक ग्रेड-प्प्प् के पदों पर कार्यरत कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान सेवा नियम-1951 के नियम 8-ए में संशोधन कर कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में अंकन के लिए अब स्कूल प्रमाण पत्र अथवा जन्म एवं मृत्यु अधिनियम-1969 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर जन्म दिनांक अंकित करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 1997 के नियम 4 में संशोधन करके सेवानिवृति के बाद भविष्य निधि में अतिरिक्त राशि जमा कराने पर 0.5 प्रतिशत अधिक ब्याज देने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। -जनजाति क्षेत्र विकास के छात्रावासों का नाम परिवर्तन संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राज्य मंत्रिमण्डल ने जनजाति क्षेत्र विकास विभाग के तहत डूंगरपुर जिले में संचालित 34 आवासीय बालक आश्रम छात्रावासों का नामकरण नानाभाई खांट के नाम पर तथा 23 बालिका आश्रम छात्रावासों का नामकरण वीरबाला कालीबाई के नाम पर करने का अनुमोदन किया।

उन्होंने बताया कि अंग्रेजी शासन काल के दौरान आदिवासी क्षेत्रांे में शिक्षण संस्थाओं को बंद करने की नीति के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान नानाभाई खांट और भील कन्या कालीबाई पुलिस की गोली का शिकार हो गए थे। मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश के बाद झालावाड़ जिले में गागरीन, कालीसिंध और कोटा जिले में तकली मध्यम सिंचाई योजना के बांधों के डूब क्षेत्र में सरकारी भूमि पर बने मकानों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में लगभग 600 मकानों के लिए लगभग 7.50 करोड़ रुपये विशेष अनुग्रह राशि के रूप में देने का निर्णय भी लिया गया।

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