Air force manners show warmth in air

नयी दिल्ली।  गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर थल सेना और नौसेना के जवानों के अदम्य साहस का दीदार करने के बाद परेड के अंतिम चरण में वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों ने परेड स्थल के ऊपर आसमान में दस्तक दी।
राजपथ पर राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट की ओर महज 300 मीटर की ऊंचाई पर वायुसेना के तीन एएलएच एमके डब्ल्यूएसआई हेलीकॉप्टरों ने फ्लाइट मार्च का आगाज किया। अस्त्र शस्त्र से लैस 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ते तीनों हेलीकॉप्टरों की यूनिट का नेतृत्व विंग कमांडर अभिषेक शुक्ला कर रहे थे। हिंडन एयरबेस से उड़ान भरकर राजपथ पर पहुंची हेलीकॉटर यूनिट ने ‘रुद्र फॉरमेशन’ की। इस यूनिट के गुजरते ही आसमान की ओर से टिकी सभी की नजरों के सामने से वायुसेना के बहुमुखी तीन युद्धक हरक्युलिस विमान राजपथ के ऊपर से गुजरे। 300 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ रहे सफेद रंग के इन विमानों ने लेह जैसे अत्यंत ऊंचे बर्फीले इलाकों में देश की सीमाओं को महफूज रखने का एहसास कराया। इस यूनिट की कमान संभाल रहे ग्रुप कैप्टन एस गोपी मोहन का साथ दो अन्य विमानों के पायलट विंग कमांडर मंदीप चहल और विंग कमांडर शिशिर सुकांत ने दिया।

कुछ देर बाद आसमान में अत्याधुनिक रडार युक्त तीन लड़ाकू विमानों ने ‘नेत्र’ की आकृति बनाते हुये दस्तक दी। दुश्मन विमान को आकाश में 400 किमी की दूरी से पहचान सकने में सक्षम अर्ली वार्निंग सिस्टम से लैस मल्टीरोल फाइटर विमानों की यूनिट का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन सुमित गर्ग ने किया। इन विमानों को वायु सीमाओं का सबसे सजग प्रहरी का दर्जा दिया गया है। इसके बाद वायु सेना के सबसे तेजतर्रार सुखोई 30 विमानों की गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा। वायु सेना के विमान सी 17 ग्लोब मास्टर के साथ दो सुखाई विमानों की टुकड़ी ने ग्रुप कैप्टन के रामाराव की अगुवाई में राजपथ पर 300 मीटर की ऊंचाई पर 500 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरते हुये देश की हवाई सीमाओं के महफूज होने का अहसास कराया। वायु सैनिकों के हैरतअंगेज कारनामों की अंतिम कड़ी में हवा से तेज रफ्तार का नजारा राजपथ पर देखने को मिला। इस कड़ी में स्वदेश निर्मित तीन युद्धक तेजस विमानों ने 780 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हुये आसमान में ‘विक्टरी फार्मेशन’ कर आसमान में अजेय होने की अपनी पहचान को सही साबित किया। इसके बाद पांच जगुआर और पांच मिग 29 विमानों ने एक-एक कर उड़ान भरकर आसमान में हैरतअंगेज कारनामे दिखा राजपथ को रोमांच से सराबोर कर दिया। इसके तुरंत बाद धुंआ उगलते तीन सुखोई 30 एमकेआई विमानों ने राजपथ पर 300 मीटर की ऊंचाई पर तीन अलग दिशाओं में आसमान चीरते हुये त्रिशूल की आकृति बनायी। आखिर में वायु सेना के अत्याधुनिक एसयू 30 एमकेआई विमान के पायलट ग्रुप कैप्टन हरप्रीत लूथरा ने 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा में कलाबाजी करते हुये ‘वर्टिकल चार्ली’ बनाकर आंखों से ओझल होकर गणतंत्र दिवस परेड को अंजाम तक पहुंचा दिया।

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