नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दुबई की एक कंपनी की निदेशक से 29 जुलाई तक पूछताछ करने की अनुमति दे दी। दुबई के जुमीरा निवासी राजीव शमशेर बहादुर सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना को ईडी की पांच दिनों की हिरासत खत्म होने के बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश किया गया, जहां उनकी हिरासत तीन दिनों के लिए और बढ़ा दी गई। उन्हें 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए सरकारी वकील नवीन मट्टा ने अदालत से कहा कि घोटाले से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए उनकी हिरासत जरूरी है। वकील ने कहा कि कुछ दस्तावेजों से सामना कराने के लिए भी आरोपी की जरूरत है।

वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने आरोपी के बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए याचिका का विरोध किया। ईडी ने कहा, शिवानी तथा उनके पति साझेदार हैं और दोनों दुबई की कंपनी यूएचवाई सक्सेना तथा मैट्रिक्स होल्डिंग्स लिमिटेड में निदेशक हैं, जिसके माध्यम से अपराध को अंजाम दिया गया और अचल संपत्तियों व शेयरों की खरीदारी की गई। दुबई की दोनों कंपनियों ने अपराध से हुई आय को इंटरस्टीलर नामक मॉरीशस की एक कंपनी के माध्यम से दुबई के खातों में प्राप्त किया। ईडी द्वारा जुटाए गए सबूतों से अभी तक यह खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड ने रिश्वत के रूप में 5.8 करोड़ यूरो ट्यूनीशिया के जॉडिज़्यन सवि$सेज सार्ल तथा आईडीएस सार्ल के माध्यम से भुगतान किया। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शिवानी व उनके पति ने दुबई की अपनी कंपनियों के माध्यम से विभिन्न अन्य खातों को भारी मात्रा में धनराशि भेजी। ईडी मामले की जांच धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कर रही है। मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई जांच पर आधारित है, जिसने इसी मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एस.पी.त्यागी तथा दो अन्य को पिछले साल गिरफ्तार किया था।

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