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ट्रांसफार्मर ब्लास्ट हादसे की न्यायिक जांच के साथ जिम्मेदार अफसर नपें
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को याद दिलाया है कि पीयूष गोयल ने बतौर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री 20 अप्रेल 2017 को ट्वीट कर कहा था कि ट्रांसफार्मर खराब निकले तो अधिकारी नपेंगे। डूडी ने कहा कि जयपुर जिले के शाहपुरा में हुए ट्रांसफार्मर ब्लास्ट हादसे में 14 लोगों की मौत से पूरा प्रदेश स्तब्ध है। मुख्यमंत्री को इसकी न्यायिक जांच कराने के साथ ही जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए क्योंकि हादसे से ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिन्ह लगा है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि शाहपुरा के खातोलाई गांव में ट्रांसफार्मर छह दिन पहले ही बदला गया था। इसका अचानक ब्लास्ट के साथ फट जाने गहरे प्रशन खड़े करता है। डूडी ने कहा कि प्रदेश का ऊर्जा विभाग भ्रष्टाचार के अनेकों मामलों को लेकर कठघरे में है।

इसी साल जयपुर डिस्कॉम के एमडी और डायरेक्टर टेक्निकल ने अभियंताओं के भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करते हुए इस्तीफे दिये थे। डूडी ने कहा कि जून, 2015 में टोंक जिले के डिग्गी इलाके में बारात की बस पर बिजली के झूलते तारों से हुए हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई थी। अब घटिया ट्रांसफार्मर से शाहपुरा क्षेत्र में इतनी बड़ी दु:खांतिका हो गई है। प्रदेश के ऊर्जा विभाग की मनमानी व भ्रष्टाचार से लगातार दु:खांतिकाओं में लोग मर रहे हैं और यह साधारण बात नहीं है। डूडी ने कहा कि हादसे के बाद जयपुर डिस्कॉम के सीएमडी आर.जी.गुप्ता का बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण व अमानवीय है। नेता प्रतिपक्ष डूडी ने कहा कि प्रदेश में करीब 15 लाख ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। इनमें हजारों ट्रांसफार्मर घनी आबादी में है। यदि प्रदेश में घटिया श्रेणी के ट्रांसफार्मर लगाये जा रहे हैं तो प्रदेश की जनता मौत के मुंह में खड़ी है। इसलिए शाहपुरा हादसे को सिर्फ एक दुर्घटना नहीं मानकर इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिये और इस हादसे के पीछे भ्रष्टाचार के पहलू पर भी गौर करना चाहिए और जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे हादसों की पुनरार्वृति नहीं हो, इसके लिए कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए।

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