BJP in Gujarat will be a little defensive, Congress will also be loose, Vaghela should be alert

जयपुर। गुजरात विधानसभा के चुनाव नजदीक है और चुनावी सरगर्मीयां बढ़ने लगी है, नेताओं के दौरों का दौर चल रहा है। वैसे तो भाजपा के लिए गुजरात में कोई चिंता की बात नहीं है। मगर जबसे अहमद पटेल ने राज्यसभा की सीट जीती है तबसे भाजपा के खेमे में काफी हलचल मची हुई है। इसलिए भाजपा हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है और कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है दूसरा यह कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कर्मभूमि भी रही है तो जाहिर है कि भाजपा अपनी पूरी ताकत गुजरात चुनावों में लगाएगी। हालांकि भाजपा को अभी थोड़ा विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मगर राजनीतिक जानकार यह मानते है कि चुनाव से पहले भाजपा कोई न कोई दांव खेलकर विरोधियों को अपने पाले में कर लेगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अहमद पटेल की जीत से जोश में तो है मगर वह अपने प्रचार और रणनीति को वो धार नहीं दे पा रही है जो गुजरात में नरेन्द्र मोदी से टक्कर लेने के लिए होनी चाहिए। हालांकि राहुल गांधी गुजरात दौरे पर जरुर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं, मगर उसमें वो बात नजर नहीं आ रही है दूसरी तरफ शंकर सिंह वाघेला भी कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। क्योंकि शंकर सिंह वाघेला गुजरात की राजनीति में एक बहुत बड़ा नाम है जो एक जमाने में पीएम मोदी के राजनीति गुरु भी रह चुके हैं। तथा इकलौते नेता हैं जो भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। तथा गुजरात में जिन्हें बापू के नाम से भी जाना जाता है। तथा वे एक बार मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं।

अहमद पटेल के ्नराज्यसभा सीट जीतने के दौरान कांग्रेस से उनकी बेरूखी खुलकर सामने आ गई जब उन्होंने कहा था कि मैंने कांग्रेस को वोट नहीं दिया, कांग्रेस को वोट देता तो बेकार जाता। तथा गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत से भी उनके मतभेद जगजाहिर हो गए । जब अशोक गहलोत ने उन पर आरोप लगाया था कि वे सीबीआई के दबाव में काम कर रहे हैं। तब वाघेला ने कहा था कि वे किसी के दबाव में काम नहीं कर रहे हैं तथा ऐसा आरोप लगाने के लिए प्रभारी को माफी मांगनी चाहिए। अब जब गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक है तो शंकर सिंह वाघेला की भूमिका और भी बड़ी हो जाती है उनका अपना जनाधार है तथा उत्तर गुजरात में उनका काफी वर्चस्व है। जहां से कांग्रेस को भी पिछले विधानसभा चुनावों में अच्छी सीटें मिली थी। कांग्रेस की लगभग 57 सीटों में से 40 से 45 सीटों के करीब उत्तर गुजरात से ही आई है और इस इलाके में शंकर सिंह वाघेला की पकड़ भी काफी मजबूत है तो इस लिहाज से कांग्रेस के लिए यह चिंता का विषय है और जानकारों के अनुसार वाघेला अबकी बार चुनाव नहीं लड़ेंगे और अगर ऐसा है तो फिर यह चिंता और बढ़ जाती है। इसलिए कांग्रेस को पूरा जोर लगाना होगा और नई राजनीतिक बिसात बिछानी होगी जिस पर अपने मोहरे फिट करके गुजरात की सरकार बनाने की कवायद को पूरी कर सके।

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