जयपुर। आपसी जान-पहचान होने एवं निजी आवश्यकताओं के लिए 1.9० लाख रुपए उधार लेकर आंशिक भुगतान पेटे 5 फरवरी 2०13 का चेक देने के मामले में एनआई एक्ट मामलों की विश्ोष अदालत क्रम-7 में जज सुरेश कुमार द्बितीय ने अभियुक्त विजेन्द्र कुमार अग्रवाल निवासी ग्राम कंवरपुरा-हिण्डौन सिटी, करौली हाल 114/3०4 अग्रवाल फार्म, मानसरोवर, जयपुर को एक साल की जेल एवं 2.9० लाख रुपए के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। इस संबंध में दुर्गापुरा निवासी बालचन्द बिलाला ने 2०14 में अदालत में परिवाद दायर किया था।
परिवादी ने अदालत को बताया कि अभियुक्त की ओर से भुगतान पेटे दिया गया चेक 12 फरवरी, 2०13 को बैंक से अकाउन्ट क्लोज्ड रिमार्क के साथ डिसऑनर कर दिया गया था। लीगल नोटिस देने तथा अदालत का नोटिस मिलने के बाद भी अभियुक्त ने डिसऑनर चेक की राशि का ना तो भुगतान किया और ना ही लीगल नोटिस का जवाब दिया।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि इस प्रकार के अपराधों की दिनों दिन वृद्धि हो रही है एवं इस प्रकार से दोनों पक्षों में हुए लेन-देन एवं दिए गए चेक विश्वास पर आधारित होते हैं एवं इस आधुनिक युग में लगभग सभी संव्यवहार चेकों के जरिए ही होते हैं। सजा में नरम रुख अपनाया जाता है तो ना केवल इस प्रकार के अपराधों में वृद्धि होगी अपितु लेन-देन के लिए दिए गए चेकों के बाबत भी अविश्वास की स्थिति उत्पन्न होगी।