जयपुर। गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामला अब भी लोगों के जहन में है कि कैसे उसका एनकाउंटर हुआ और कैसे राजपूत समाज को आन्दोलन कर उसके एनकाउंटर की सीबाआई जांच के लिए उन्होंने ससरकार से अपनी मांगे मनवाई। अब नई खबर यह आ रही है कि गैंगस्टर आनंदपाल का करीबी कहे जाने वाला सुभाष मूंड एक बार फिर सुर्खियोंं में आ गया है। यह चर्चा कोई फरारी या गिरफ्तारी को लेकर नहीं है बल्कि सीकर जिले के गांव जुराठड़ा पूर्व सरपंच सरदार राव के मर्डर की वजह से है। यह मर्डर 23 अगस्त को पलसाना में दिनदहाड़े हुआ था। राव के परिजनों ने सुभाष मूंड सहित तीन जनों पर इस कत्ल का आरोप लगाया है। मामले में नामजद आरोपी हरदेवाराम की गिरफ्तारी के बाद भी कोई खुलासा नहीं हुआ है। हरदेवराम को न्यायालय ने पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में दूसरे आरोपी सुभाष बराला को जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर लाने की तैयारी कर ली है।

सुभाष फिलहाल अजमेर की जेल में बंद है। थानाधिकारी ने बताया कि बराला निवासी हरदेवराम से पूछताछ में हत्या में शामिल होने की बात तो सामने आ गई है। लेकिन वारदात के लिए शूटर्स को किसने बुलाया यह अभी तक पता नहीं चल सका है। सुभाष मुंड सीकर जिले के बराला का रहने वाला है। इसके खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं। इसने सीकर जेल में अपने दुश्मन राजू ठेठ पर फायरिंग भी की थी। मगर राजू ठेठ बच गया था। 2015 में जेल ले जाते वक्त आनंदपाल के साथ फरार हो गया था। इसे पिछले साल पुलिस सीकर जिले के श्यामपुरा से गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह अजमेर जेल में बंद है। पूर्व सरपंच की हत्या हरदेवराम की सहमति थी। दोनों परिवारों में आपसी रंजिश चल रही थी। लेकिन वारदात की योजना बनाकर उसको अंजाम देने वाला कौन है। इसका पता नहीं चला है। हरदेवराम से पूछताछ में अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। पूर्व सरपंच सरदाव राव राजू ठेग के करीबी था। पिछली बार चुनाव लड़ा तो उसके सामने सुभाष बराला के परिवार का प्रत्याशी था। सुभाष बराला आनंदपाल का करीबी है और आनंदपाल और राजू ठेठ की दुश्मनी सब जानते हैं। पर पुलिस की नजर जेल में बंंद सुभाष बराला पर है। सुभाष ने जेल में रहते हुए सरपंच की हत्या की वारदात को अंजाम दिलवाया। यही पुलिस की जांच की मुख्य वजह से जिससे उन्हें केस में आगे नई दिशा मिलेगी।

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