जयपुर। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे ट्रेक पर शनिवार शाम को पुरी से हरिद्वार जा रही उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। जब यह रेल बेपटरी हुई तो एक सौ की स्पीड़ से दौड़ रही थी। पटरी से उतरते ही चौदह बोगियों एक-दूसरे के ऊपर चिपक गई और इन बोगियों में बैठे यात्रियों की चीख पुकार मच गई। अचानक हुए इस हादसे को कोई समझ नहीं पाया। यात्री और आस-पास के लोगों ने बोगियों में फंसे लोगों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया। 23 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों गंभीर रेल यात्री अस्पतालों में भर्ती है। जिनमें कईयों की गंभीर स्थिति है।
इस हादसे में रेलवे प्रशासन की भारी लापरवाही सामने आई है। इस ट्रेक पर पटरियों की रिपेयरिंग का काम चल रहा था। लेकिन ट्रेक से गुजरने वाली रेलों के चालकों को इस बारे में बताया ही नहीं। जब रिपयेरिंग चल रही होती है तो वहां रेल की स्पीड काफी धीमी दस से पन्द्रह की कर दी जाती है, ताकि रेल पटरी से नहीं उतर सके और हादसे से बचा जा सके। इस काम की सूचना नहीं होने के कारण उत्कल एक्सप्रेस अपनी 105 स्पीड से रिपेयरिंग हो रहे ट्रेक पर दौड़ी तो रेल बेपटरी हो गई। चालक को इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े थे। रेलवे इसे गंभीर चूक माना रहा है, लेकिन समय पर सूचना नहीं देने के कारण और लापरवाही पूर्ण कार्य करने से 23 लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों घायल हो गए। देश में एक के बाद एक ऐसे लापरवाही वाले हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार-रेलवे प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे पा रहा है।